PATNA : हर साल बिहार में बाढ़ की विभिषिका में हजारों मवेशी मारे जाते हैं। जिनके लिए सरकार की तरफ से मुआवजा भी दिया जाता है। पहले यह मुआवजा सिर्फ प्रारंभिक जांच के बाद ही दे दिया जाता था,ले किन इस साल से पशुपालन विभाग ने पूरा नियम ही बदल दिया है। नए नियम के अनुसार अब किसी मवेशी की मौत का मुआवजा तब ही मिलेगा, जब उसका पोस्ट मार्टम कराया जाए। नए नियम के अनुसार इसके लिए लोगों को पशुओं की मौत पर प्रखंड पशु चिकित्सकों को सूचित करने का सुझाव दिया गया है। हालांकि, जो पशु बाढ़ में बह जाएंगे, उनके लिए अभी भी दावे का आधार बरकरार रहेगा। प्रत्येक किसान को ज्यादा से ज्यादा तीन पशुओं की मौत पर मुआवजा दिया जाता है।
इस नए नियम को लेकर पशुपालन विभाग का मानना है कि इससे प्रभावितों को मुआवजा राशि पाना आसान हो जाएगा। जिसमें पशुपालकों को सिर्फ आपदा में पशु की मौत पर मुआवजा लेने के लिए के उसका पोस्टमार्टम कराना होगा। आपदा में पशु की मौत होने पर इसकी सूचना प्रखंड के पशु चिकित्सा अधिकारी और अंचलाधिकारी को देनी होगी। पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा उसका पोस्टमार्टम किया जाएगा। पशुपालक तय प्रारूप प्रपत्र 'क' पर आवेदन अंचलाधिकारी एवं जिला पशुपालन पदाधिकारी को समर्पित करेंगे।
शव बहने पर स्थानीय थाने को दर्ज कराना होगा सनहा
पशु का शव नष्ट होता है या बाढ़ में बह जाता है तो पशुपालक को थाना में सनहा दर्ज कराना होगा। सनहा और प्रपत्र 'क' में आवेदन लेने के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों से सिफारिश करानी होगी। इसके बाद मुआवजा का आवेदन अंचलाधिकारी को देना होगा।
निदेशक ने बताया कि आपदा की घड़ी में पशुपालकों को हर संभव सहायता दी जाएगी। इसके लिए जिलेवार कार्यशाला का आयोजन और अन्य प्रचार-प्रसार माध्यमों से पशुपालकों को जागरूक किया जाएगा।