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किचन में छुपा है वायरल बुखार का इलाज, अपनाएं यह घरेलू नुस्खा

किचन में छुपा है वायरल बुखार का इलाज, अपनाएं यह घरेलू नुस्खा

PATNA : आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. मधुरेंदु पांडेय के अनुसार मौजूदा मौसम में वायरल फीवर ने हर ओर अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. इसके चलते देशभर में इन दिनों बच्चों के साथ साथ कई लोग शिकंजे में आ चुके हैं. दरअसल मौसम बदलने के समय वायरल फीवर ज्यादा फैलता है. दरअसल वातावरणीय कारकों और शारीरिक प्रतिरक्षा तंत्र में होने वाले आंतरिक बदलाव के कारण ऐसा होता है. वायरल फीवर का जोखिम बच्चों बुजुर्गों और जटिल रोग से पीड़ित लोगों में ज्यादा होता है. उन्होंने कहा की वायरल बुखार के लिए प्राकृतिक इलाज सुरक्षित और आसानी से उपलब्ध है जो अपने घर के किचन में भी मिल जाता है. 

उन्होंने बताया की दो काली मिर्च और तुलसी के दो पतियों को पीस कर शहद के साथ मिलाकर बच्चे को दिन में दो से तीन बार चटाएं, इससे बुखार में आराम मिलता है. दो चुटकी कुटकी चूर्ण को शहद के साथ बच्चे को सुबह शाम चटाएं. इससे बुखार ठीक हो जाता है. कुटकी का चूर्ण मिश्री या शहद के साथ चाटने से बच्चों को बुखार में आराम मिलता है. कुटकी को पानी में पीसकर लेप बना लें. इस लेप को बच्चे को शरीर पर लगाने से बुखार ठीक हो जाता है. ठंडे पानी में पट्टियां भींगाकर बच्चे के माथे पर रखें. इन्हें थोड़ी थोड़ी देर में बदलते रहे. बच्चे को पानी और तरल पदार्थ उचित मात्रा में दें. शिशु के पैरों के तलवे में जैतून की तेल का मालिश करें. 5 -7 तुलसी के पत्ते एक कप पानी में उबाल लें और उसे गुनगुना करके थोड़ी सी चीनी मिलाकर बच्चे को पीने के लिए दें. एक छोटी हरड़, दो चुटकी आंवले का चूर्ण, दो चुटकी हल्दी और नीम की पत्ती को एक साथ मिलाकर काढ़ा बना ले. बच्चे को दो-दो चम्मच की मात्रा में दिन में तीन बार पिलाएं. पीपल के फल के चूर्ण को बारीक पीसकर शहद के साथ मिलाकर चाटने से बुखार में आराम मिलता है. अदरक को पीसकर रस निकाल लें. आधा चम्मच रस में थोड़ा सा शहद मिलाकर बच्चों को चटाएं. इससे बुखार उतर जाता है. उन्होंने कहा की बुखार के दौरान बच्चों के खान पान पर विशेष ध्यान रखें. बच्चे को गरिष्ट भोजन बिल्कुल भी ना दे. जितना हो सके घर पर बना हल्का और सुपाच्य भोजन दे. जंकफुड, ठंडी चीजें, आइसक्रीम, कोल्डड्रिंक देर से पचने वाला भोजन ना दें. पानी तथा तरल पदार्थों का सेवन अधिक कराएं. तैलीय एवम अधिक मीठे भोजन के सेवन से कफ बढ़ता है. इसलिए ऐसे भोजन से परहेज करें. बच्चे को पीने के लिए केवल गुनगुना पानी ही दे. 

आयुर्वेदाचार्य डॉ मधुरेंदु पांडेय ने बताया कि गरम पानी में थोड़ा सा सेब का सिरका मिला लें. इसमें कपड़ा भींगाकर निचोड़ लें. इससे बच्चे को शरीर को पोछे. गिलोय का रस बुखार के लिए रामबाण दवा है. बच्चे को 100 से 120 मि. ली. रस में थोड़ा सा शहद मिलाकर दिन में तीन चार बार पीने को दे. अदरक भी बुखार उतारने में काफी मददगार साबित होता है. जायफल को पीसकर नाक, छाती,और सर पर लेप करें. यह शिशु को बुखार होने पर बहुत अधिक लाभ पहुंचाता है. 

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