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IIT कानपुर ने IPS विकास वैभव को सत्येंद्र कुमार दुबे मेमोरियल अवार्ड से किया सम्मानित

 IIT कानपुर ने IPS विकास वैभव को सत्येंद्र कुमार दुबे मेमोरियल अवार्ड से किया सम्मानित

PATNA : IPS अधिकारी विकास वैभव को आज IIT कानपुर सत्येंद्र कुमार दुबे मेमोरियल अवार्ड से सम्मानित किया. IIT कानपुर में आयोजित हुए समारोह में बिहार कैडर के तेजतर्रार IPS अधिकारी और वर्तमान में मुंगेर के DIG विकास वैभव को सम्मानित किया गया. 

अवार्ड मिलने के बाद विकास वैभव ने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा :-  #TheAwardMoment ! Wish to Express my Heartfelt Gratitude towards my Alma Mater #IITKanpur for the Prestigious #SatyendraKDubeyMemorial Award 2019 - A Rare Recognition which not just makes one feel Proud, but also embeds within a Deeper Sense of Responsibility towards the Highest Values of #Integrity that it Represents ! As I look Forward to the #Future as the Journey continues Ahead, I also wish to Thank Everyone for Continuously Inspiring with your Precious Wishes that have been Pouring like Anything ! #Gratitude and Best Wishes on #Chhath !  

गौरतलब है कि IIT कानपुर हर साल देश के ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी को सतेंद्र कुमार दुबे मेमोरियल अवॉर्ड से सम्मानित करता है. इंजीनियर सत्येंद्र कुमार दुबे IIT कानपुर के छात्र रह चुके थे. बिहार में राजद शासनकाल में अपराधियों ने सड़क निर्माण में रंगदारी न देने के कारण उनकी निर्मम हत्या कर दी थी. सत्येंद्र कुमार दुबे की याद में आईआईटी कानपुर ने इस समान की शुरूआत की है. इस दफे आईआईटी कानपुर ने बिहार के IPS अधिकारी विकास वैभव को ये सम्मान दिया. 

IIT कानपुर के छात्र रह चुके हैं विकास वैभव 

विकास वैभव भी IIT कानपुर के छात्र रह चुके हैं. उन्होंने 2001 में आई आई टी से बीटेक की डिग्री ली थी.  जिसके बाद 2003 में वो IPS के लिए चुने गये.  विकास पटना, बाघा, रोहतास और दरभंगा जिले में एसपी से लेकर एसएसपी तक की पोस्ट पर जनता की सेवा कर चुके हैं. विकास ने बिहार के चर्चित क्रिमिनल और माफियाओं पर बगैर किसी दबाव के नकेल कसने में संकोच नहीं किया. बिहार में विकास अपने क्षेत्र के जिले में जनसंवाद कार्यक्रम शुरू करके जनता के दिलों में अपनी जगह भी बना चुके हैं. इस जनसंवाद कार्यक्रम में वे जनता से खुले मंच पर उनकी हर शिकायत को सुनते और उसका समाधान करवाते. 

ट्रांसफर पर जनता सड़कों पर उतरी

वहीं बगहा जिले में 2009 में उनकी ऐसी लोकप्रियता जनता के बीच हो गई थी कि किसी भी राजनेता को उनकी लोकप्रियता खल जाए. जब यहां से उनका ट्रांसफर हुआ तो जिले की जनता सरकार के विरोध में सड़कों पर उतर आई थी. विकास वैभव को कानपुर आईआईटी के जरिए इस अवॉर्ड के लिए चुना जाना उनके उस कर्तव्य, ईमानदारी और मानवीय जज्बातों को दर्शाता है, जिसके बल पर उन्होंने बिहार पुलिस को यह एहसास करवाया कि बिहार में सिर्फ अपहरण, हत्याओं को न रोक पाने वाले अधिकारी ही नहीं बल्कि विकास जैसे ऐसे अधिकारी भी मौजूद हैं जिनके सिर्फ ट्रांसफर पर ही जनता सड़कों पर उतर कर विद्रोह जैसे कदम उठा लेती है.

विकास वैभव की पुलिसिंग अलग है

विकास का मानना है कि पुलिसिंग केवल गन और लाठी चलाना ही नहीं है बल्कि ये मानवीय सेवाओं का एक प्रतिबिंब है.

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