PATNA: नीतीश सरकार ने अनुकंपा के आधार पर नौकरी को लेकर बड़ा फैसला किया है। अगर पति-पत्नी दोनों सरकारी सेवा में हों, अगर उनमें से किसी एक की मृत्यु होती है फिर भी उनके आश्रित को अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिल सकती है। सरकार ने पहले के आदेश में संशोधन किया है।
पुराने नियम में किया बदलाव
सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में 5 अक्टूबर 1991 के अपने आदेश को संशोधित किया है। विभाग के प्रधान सचिव चंचल कुमार के हस्ताक्षर से आज गुरूवार को अधिसूचना जारी कर दी गई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस विषय में विधि विभाग की राय मांगी थी। विधि विभाग ने राय दिया कि पति-पत्नी में कोई एक अवकाश ग्रहण कर चुका है। किसी एक की कार्यकाल में मृत्यु हो जाती है। ऐसे में मृत सरकारी सेवक के आश्रित को अनुकंपा के आधार पर बहाल किया जा सकता है। क्योंकि सेवा निवृति के बाद किसी को सरकारी सेवक नहीं माना जा सकता है। बाकी अनुकंपा की अन्य अहर्ता में कोई छूट नहीं दी जायेगी।
बता दें, बिहार सरकार के समक्ष इस तरह के कई मामले सरकार के समक्ष आ रहे थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस संबंध में अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया था। इसके बाद विधि विभाग की सहमति से समान्य प्रशासन विभाग ने यह आदेश जारी किया।
अब तक यह था नियम
बिहार में अब तक यदि पति-पत्नी सेवा में हों, किसी एक की मृत्यु हो जाए, वैसी स्थिति में अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति का लाभ उनके परिवार के किसी सदस्य को नहीं मिल रहा था। 1991 के पहले तक ऐसे मामले में आश्रित को वर्ग तीन एवं चार के पदों पर अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिल जाती थी।