JAMUI : जमुई नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नंबर 15 लगमा गांव में सामुदायिक भवन में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र को बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था किए ही ध्वस्त करने के मामले को लेकर जिलाधिकारी राकेश कुमार ने बड़ी कार्रवाई की है। कल ही जमुई नगर परिषद की कार्यपालक पदाधिकारी प्रियंका गुप्ता को एक पत्र निर्गत कर आंगनबाड़ी को ध्वस्त करने के मामले में डीएम ने प्रतिवेदन की मांग की है। जिसमे आंगनबाड़ी को ध्वस्त करने के बाद खुले आसमान के नीचे बच्चों को पढ़ाने की बात का भी जिक्र किया गया है।
डीएम ने यह भी पूछा है की बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था किए और सूचना दिए इस भवन को गिराने का आदेश किस परिस्थिति में निर्गत किया गया। सोशल मीडिया के खबरों को संज्ञान में लेते हुए जमुई डीएम ने यह कार्रवाई की है। आपको बता दें पिछले रविवार को जमुई नगर परिषद के वार्ड नंबर 15 लगमा गांव के कुछ युवकों द्वारा अपने निजी जेसीबी मशीन से उक्त आंगनबाड़ी केंद्र सहित छतेदार चबूतरा को भी ध्वस्त कर दिया गया था। जिसके कारण कल यानी सोमवार को आंगनबाड़ी के बच्चे बाहर पेड़ के नीचे पढ़ने को विवश थे। जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल है।
मजे की बात यह है की भवन ध्वस्त करने की सूचना न ही आंगनबाड़ी सेविका को दी गई न ही उक्त वार्ड के पार्षद को। लोगों का कहना है की यह कार्य नगर परिषद के बिचौलियों और और अधिकारी की मिलीभगत से की गई है। आरोप यह भी लगाया जा रहा है की उक्त जमीन पर किसी योजना के तहत सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया जाना है।
हालाँकि इस मामले को तूल पकड़ता देख नगर परिषद के अधिकारी और कर्मी कोई भी टिप्पणी करने से बच रहे है। फिलहाल अब देखना दिलचस्प होगा की अब इस जमीन पर क्या बनेगा और आंगनबाड़ी केंद्र का क्या होगा। आज भी आंगनबाड़ी के बच्चे खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर है।
जमुई से सुमित की रिपोर्ट