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AURANGABAD में MLC प्रत्याशी को भा गई बैलेट से वोट कराने की व्यवस्था, इशारों में निर्वाचन आयोग की पुराने इंतजाम पर उठाए सवाल

AURANGABAD में MLC प्रत्याशी को भा गई बैलेट से वोट कराने की व्यवस्था, इशारों में निर्वाचन आयोग की पुराने इंतजाम पर उठाए सवाल

AURANGABAD : औरंगाबाद से एमएलसी प्रत्याशी अनुज कुमार सिंह ने स्थानीय प्राधिकार कोटे की विधान पार्षद सीटों के चुुनाव में गड़बड़ी की गोपनीय परंपरा की पोल खोली है। श्री सिंह ने सोमवार को एमएलसी चुनाव के लिए हो रही वोटिंग के दौरान औरंगाबाद प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित बूथ का जायजा लेने के बाद सत्ता पक्ष से नही होने के बावजूद वोटिंग की व्यवस्था पर बेहद संतोष जताया। 

पूरी बात को खोले बगैर इशारो में  कहा कि स्थानीय प्राधिकार के एमएलसी चुनाव में पहले वोटिंग में क्या होता रहा है, यह आप भी जानते है और हम भी जानते है लेकिन संतोष की बात है कि यहां ऐसा कुछ भी नही हो रहा है क्योकि मतपेटी पीठासीन पदाधिकारी के समक्ष रखी है, जिससे उन्हे यह साफ दिख जा रहा है कि बैलेट लेने वाले किस वोटर ने बैलेट को बॉक्स में डाला या नहीं। गौरतलब है कि स्थानीय प्राधिकार कोटे का एमएलसी चुनाव धनबल के प्रयोग को लेकर बदनाम रहा है। इस चुनाव में ऐसे ऐसे कथित खेल होते रहे है, जिनकी कल्पना नही की जा सकती। अनुज सिंह ने ऐसे ही खेल के बारे में इशारा किया है। 

ऐसे करते हैं बैलेट से वोटिंग में गड़बड़ी

सूत्र बताते है कि स्थानीय प्राधिकार कोटे के एमएलसी चुनाव में यह होता आया है कि नोट के बदले किसी खास उम्मीदवार को वोट करने वाला वोटर बूथ पर जाकर अपना बैलेट तो लेता था लेकिन उसे मतपेटी में डाले बगैर सादा ही लेकर उम्मीदवार के कैम्प में चला आता था। कैम्प में बैलेट पर उस उम्मीदवार के पक्ष में वोटिंग की जाती थी। इसके बाद वोट किये हुए उस बैलेट को उसी बूथ पर वोट देने जा रहे वोटर को दे दिया जाता था। वह वोटर बूथ पर मिला अपना बैलेट सादा लेकर कैम्प में आता और पहले से मिले दूसरे वोटर के वोट किए बैलेट को मतपेटी में डाल देता था।

 इस तरह पैसे देकर वोट ले रहे उम्मीदवार और उनके समर्थक इस तरह की प्रक्रिया अपना कर पूरी तरह से आश्वस्त हो जाते थे कि उन्हे ही वोट मिला है। अनुज सिंह का इशारा इसी ओर था और उन्हे स्थानीय प्राधिकार कोटे के एमएलसी चुनाव के पूरे सिस्टम के हर पहलू की बारक से बारीक जानकारी अन्य उम्मीदवारों से इस कारण ज्यादा है क्योंकि वे पहले गया जिले से निकाय कोटे से ही एमएलसी रह चुके है।

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