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चुनावी मौसम में लालू यादव को जमानत की खबर, क्या है इसके मायने

चुनावी मौसम में लालू यादव को जमानत की खबर, क्या है इसके मायने

DESK: बिहार विधानसभा चुनाव में जीत-हार के दावों के बीच राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की कमी महसूस की जा रही है. चुनावी प्रचार में लालू यादव का खास अंदाज राजद के साथ ही सारे मतदाता मिस कर रहे हैं. बड़ी बात ये है कि शुक्रवार को राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को चाईबासा मामले में हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है. जैसे ही टीवी से लेकर सोशल मीडिया पर यह खबर चली हर कोई सच जानने में जुट गया. ध्यान देने वाली बात यह है कि लालू यादव को एक मामले में जमानत मिली है.

तेजस्वी-तेजप्रताप पर बड़ी जिम्मेदारी

खास बात ये  है कि अभी लालू प्रसाद यादव जेल में ही रहेंगे. फिल्हाल उन्हें एक ही मामले में जमानत मिली है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले से जुड़े तीन अलग-अलग मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद 23 दिसंबर 2017 से जेल में हैं. लालू को मई 2018 में इलाज के लिए अंतरिम जमानत मिली थी. जिसे झारखंड हाईकोर्ट ने बाद में रद्द कर दिया था. लालू यादव का अगस्त 2018 से रिम्स में इलाज चल रहा है. उनकी गैर-मौजूदगी में तेजस्वी और तेजप्रताप पार्टी को चुनाव में जिताने का प्लान बना रहे हैं.

चुनाव में है महागठबंधन की अग्नि परीक्षा

बिहार विधानसभा चुनाव में राजद-यूपीए के महागठबंधन को देखें तो इन्होंने सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर मुहर लगा दी है. कांग्रेस के खाते में 70 तो राजद के पास 144 सीट हैं. जबकि, लेफ्ट पार्टियों को भी 29 सीटें दी गई है. खास बात यह सीट बंटवारे के दौरान महागठबंधन के अंदर खींचतान दिखी. जबकि, उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार में ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्युलर फ्रंट के प्रत्याशियों का ऐलान किया है. इसमें बसपा, एआईएमआईएम शामिल हैं. मतलब हर गुजरता दिन महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ा सकता है. 

राजद को ‘लालू मैजिक’ की आस

बता दें  कि लालू यादव ने बिहार में माई समीकरण के जरिए सत्ता हासिल की. आज उनकी गैर-मौजूदगी में राजद का कुनबा उतनी मजबूती से चुनाव में अपनी मौजदूगी दर्ज नहीं करा सका है ,जितने की जरूरत है. राजद के सामने जेडीयू-बीजेपी की एनडीए है, जिसे हम और वीआईपी का समर्थन मिला हुआ है. तीसरे मोर्चे पर लोजपा के चिराग पासवान डटे हैं. इन सबसे एक साथ निपटने के लिए तेजस्वी और तेजप्रताप यादव को एक अनुभवी नेता की जरूरत है. शायद लालू यादव का बाहर आना राजद की  वो बड़ी मदद कर सके.

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