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बिहार में जीविकोपार्जन के लिए सबसे ज्यादा लोग करते हैं मिस्त्री और मजदूर का काम, भिखारी और कचरा बीनने वालों की भी बड़ी संख्या

बिहार में जीविकोपार्जन के लिए सबसे ज्यादा लोग करते हैं मिस्त्री और मजदूर का काम, भिखारी और कचरा बीनने वालों की भी बड़ी संख्या

पटना. बिहार में कुल आबादी 13 करोड़ 07 लाख 25 हजार 310 है. इसमें सर्वाधिक लोग मिस्त्री और मजदूर का काम करते हैं जिनकी कुल संख्या 2 करोड़ 18 लाख से ज्यादा है. बिहार जातीय आर्थिक सर्वे में मंगलवार को यह आंकड़ा सामने आया. इसमें जीविकोपार्जन के लिए अलग अलग काम करने वालों की कुल संख्या उनके काम एक अनुरूप बताई गई है. जीविकोपार्जन के लिए सबसे ज्यादा लोग मिस्त्री और मजदूर के रूप में हैं तो दूसरे नंबर पर किसान और खेतिहर आते हैं जिनकी आबादी 1.70 करोड़ है. 

दरअसल, राज्य में सरकारी क्षेत्र में रोजगार प्राप्त लोगों की संख्या 20 लाख 49 हजार 370 यानी 1.57 फसदी है.  संगठित क्षेत्र में प्राइवेट नौकरी वाले 15 लाख 97 हजार 680 यानी 1.22 फीसदी, संगठित क्षेत्र में प्राइवेट नौकरी वाले 27 लाख 97 हजार 039 जो 2.14 फीसदी हैं. वहीं स्वरोजगार करने वालों की संख्या 39 लाख 91 हजार 312 है जो 3.05 फीसदी होता है. कृषक/ काश्तकार / खेतिहर की संख्या 1 करोड़ 70 हजार 827 है, जो 7.70 फीसदी होता है. मिस्त्री, मजदूर एवं अन्य श्रेणी में 2 करोड़ 18 लाख 65 हजार 634 लोग आते हैं जो सर्वाधिक 16.73 फीसदी होते हैं. 

रिपोर्ट में भिखारी और कचरा बीनने वालों की संख्या भी बताई गई है. इसमें भिखारी की संख्या 33 हजार 818 है जो 0.03 फीसदी होते है. वहीं  कचरा बीनने वालों की संख्या 28,355 है जो 0.02 फीसदी है. वहीं राज्य में  गृहिणी, विद्यार्थी आदि की संख्या 8 करोड़ 82 लाख 91 हजार 275 है जो कुल आबादी का 67.54 फीसदी है. एक तरह से यह वह आबादी है जिन्हें किसी श्रेणी के आय वर्ग में नहीं रखा गया है. 

रिपोर्ट के अनुसार इस तरह कुल 13 करोड़ 07 लाख 25 हजार 310 बिहार में लोगो की संख्या है.


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