GAYA : गया में पितृपक्ष का आज तीसरा दिन है। आज तीसरे दिन 5 तीर्थो पर श्राद्ध किया जाता है। जिसमें उत्तर मानस, उदीची, कनखल एवं दक्षिण मानस और जिनन्हलोल वेदी पर श्राद्ध करने की परंपरा है।
पंचतीर्थ श्राद्ध से पितरों को सूर्य लोक की प्राप्ति होती है। इन वेदियों पर देश के कोने कोने से आये पिंडदानी अपने पूर्वजों के मोक्ष की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान कर रहे हैं।
मान्यता है कि गया में भगवान विष्णु स्वयं पितृ देवता के रूप में उपस्थित रहते हैं। इसलिए इसे पितृ तीर्थ भी कहते हैं। जिन लोगों का देहांत इस तिथि को हुआ हो, या कृष्ण पक्ष या शुक्ल पक्ष को हुआ हो। उनका तर्पण करने का विधान है। पितृपक्ष के तीसरे दिन भी बड़ी संख्या में पिंडदान पितरों का पिंडदान कर रहे हैं।
पहले पंचतीर्थ में उत्तर मानस तीर्थ की विधि में हाथ में कुश लेकर सिर पर जल छीटा जाता है। फिर उत्तर मानस में जाकर आत्म शुद्धि के लिए स्नान किया जाता है। उसके बाद तर्पण करके पिंडदान किया जाता है। सूर्य को नमस्कार करने से पितरों को सूर्य लोक की प्राप्ति होती है।
गया से मनोज कुमार की रिपोर्ट