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एनएसएमसीएच में आसानी से खत्म होगा फाइलेरिया, सिंगल स्टेज ड्रेसिंग और कम खर्च में होगा इलाज

एनएसएमसीएच में आसानी से खत्म होगा फाइलेरिया, सिंगल स्टेज ड्रेसिंग और कम खर्च में होगा इलाज

PATNA : हाथी पांव यानी फाइलेरिया की बीमारी गंभीर रूप लेती जा रही है। बेकाबू हो चुके फाइलेरिया रोग के खिलाफ प्रति वर्ष लाखों रूपये खर्च करने के बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है। इस रोग से स्थायी निदान के लिये बिहटा के अमहारा स्थित एनएसएमसीएच अस्पताल में आधुनिक चिकित्सा व्यवस्था शुरू की गई है। अन्य बड़े बड़े अस्पतालों की तुलना मे मात्र एक बार सिंगल स्टेज ड्रेसिंग के तहत सफल ऑपरेशन कर सम्पूर्ण इलाज किया जा रहा है। 

इस संबंध में डॉ विवेक (असिस्टेंट प्रोफ़ेसर प्लास्टिक सर्जन) ने कहा की फाइलेरिया को हाथी पांव रोग भी कहा जाता है। ये रोग क्यूलेक्स मच्छर काटने की वजह से होता है। इस मच्छर के काटने से पुवेरिया नाम के परजीवी शरीर में जाने से ये रोग होता है। वयस्क मच्छर छोटे-छोटे लार्वा को जन्म देता है, जिन्हें माइक्रो फाइलेरिया कहा जाता है। जिसका ऑपरेशन अन्य अस्पतालों में तीन टर्म में किया जाता है। लेकिन एनएसएमसीएच की आधुनिक ऑपरेशन थियेटर में सफल सर्जरी कुशल चिकित्सको के द्वारा मात्र एक बार मे सफल ऑपरेशन कर मरीज की समस्या को जड़ से खत्म किया जा रहा है। 

डॉक्टर ने बताया की इस ऑपरेशन से मरीजो को तीन बार अस्पताल में सर्जरी कराए जाने से निजात मिलेगी एवं खर्च भी कम होगा। इस मौके पर संस्थान के प्रिंसिपल डॉ.अरविन्द प्रसाद और मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ.उदय कुमार ने इस पहल और शुरुआत की सराहना की और कहा की यह संस्था की बड़ी उपलब्धि है। 

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