Patna Desk: अगर आप एक नौकरीपेशा हैं और एक राज्य से दूसरे राज्य में आपका ट्रांसफर होता है तो सबसे ज्यादा परेशानी वाहनों के री-रजिस्ट्रेशन को लेकर होती है। इसके लिए लोगों को अच्छी खासी परेशानी तो उठानी ही पडती है साथ ही जेब पर भी असर होता है। हालांकि अब इस परेशानी से निजात मिल जायेगी। दरअसल पिछले काफी वक्त से इस मसले को हल करने के लिए लोग मांग कर रहे थे। केंद्र सरकार ने इस मसले को दूर करने के लिए अहम कदम उठाया है। दरअसल इस पहल के तहत ऐसे लोगों के वाहनों के लिए खास सीरीज के नंबर जारी किये जायेंगे।
जारी होंगे IN Series के नंबर
एक राज्य से दूसरे राज्यों में ट्रांसफर करने को लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अहम कदम उठाया है। केंद्र सरकार द्वारा जारी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन के मुताबिक वैसे निजी वाहन के मालिक जिनकी जॉब के सिलसिले में एक राज्य से दूसरे राज्य में शिफ्ट होते रहते हैं, उनकी वाहनों के लिए IN Series के नंबर जारी किये जायेंगे। लोगों को लगातार हो रही परेशानी व तकनीकी दिक्कतों को देखते हुए केंद्र सरकार ने यह पहल की है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के अलावा आम नागरिकों से एक माह के अंदर सुझाव भी मांगा है। दरअसल मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इस पहल से जरूरतमंद लोगों को लाभ होगा। अधिसूचना में दी गयी जानकारी के अनुसार इस तरह के वाहनों के लिए विशेष तौर पर खास सीरीज के नंबर को जारी किये जाने का प्रावधान रखा गया है। इस पूरी प्रक्रिया को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जा रहा है। सरकार इस तरह के वाहनों से दो साल या दो के मल्टीप्लीकेशन में मोटर व्हीकल टैक्स लेगी। सरकार का मानना है कि इस पूरी पहल से वैसे लोगों को लाभ होगा, जिनकी जॉब ट्रांसफरेबल है। ऐसे वाहनों के मालिकों को अब एक से दूसरे राज्यों आरटीओ के चक्कर नहीं लगाने होंगे।
वैसे लोग जो डिफेंस सेक्टर, पब्लिक सेक्टर यूनिट के साथ ही केंद्र व राज्य सरकार के कर्मी हैं तथा वैसे भी लोग जिनकी प्राइवेट कंपनी है और उनकी पांच से ज्यादा राज्यों व केंद्रशासित राज्यों में ऑफिस है। इस पहल से लाभ प्राप्त कर सकेंगे। ज्ञात हो कि वर्तमान नियम में एक से दूसरे राज्यों में वाहन को ट्रांसफर कराने के लिए री-रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वर्तमान में वैसे कर्मी जिनकी एक से दूसरे राज्य में ट्रांसफर होता है, उनको अपने वाहन का री- रजिस्ट्रेशन मोटर व्हीकल अधिनियम, 1988 की धारा-47 के अनुसार कराना पड़ता है। जिसके तहत वाहन मालिक को पुराने राज्य से एनओसी लेकर उसे नये राज्य में जमा करानी पडती है साथ ही 15 साल में से बचे हुए सालों का रोड टैक्स जमा कराना पड़ता है। इसके अलावा वाहन मालिकों को वाहन जहां पहले रजिस्टर्ड थी, वहां से टैक्स राशि पाने के लिए आवेदन करना होता है। कई लोग जटिल प्रक्रिया होने के कारण अपने क्लेम का दावा ही नहीं करते हैं। अब ऐसे में केंद्र सरकार की नयी पहल से इस श्रेणी के लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है।