PATNA: 30 अक्टूबर को बिहार विधानसभा का उपचुनाव आयोजित होने वाला है। इसको लेकर बिहार में अलग ही सियासत देखी जा रही है। एनडीए जहां एकजुट होकर उम्मीदवारों के लिए प्रचार में जुटा हैं, वहीं महागठबंधन दल में शामिल पार्टियां बिखर गई हैं। राजद और कांग्रेस के बीच 2 सीटों पर जारी तनातनी अब आर-पार के रूप में सामने आ गई है।
240 में सीटों में जस तरह महागठबंधन साथ-साथ था, वह कुशेश्वरस्थान पर तारापुर को लेकर अब आमने-सामने हैं। दोनों ही पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं। लालू प्रसाद यादव के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने पहले प्रत्याशी की घोषणा की तो कांग्रेस ने कहा कि आरजेडी ने गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया। शनिवार को राजद प्रवक्ता व विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि पिछले साल संपन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव में हमने कांग्रेस को 70 सीटें दी थीं। कांग्रेस के उम्मीदवार आधे पर भी जीत नहीं दर्ज कर पाए।कांग्रेस के उम्मीदवार प्रतिद्वंद्वी को लड़ाई भी नहीं दे पाए। राजद प्रवक्ता ने कहा कि कुशेश्वरस्थान पर तारापुर में होने वाले उप चुनाव में राजद के लड़ने की बात हमने कांग्रेस से पहले ही बताई थी। राजद विधायक ने कहा कि हमने बताया था कि दोनों सीटों पर हमारा आधार है। इस लिए हमें लड़ने दें, पर पता नहीं कांग्रेस आलाकामन ने क्या निर्णय लिया। टूट पर राजद प्रवक्ता ने कहा किकांग्रेस के अलावा महागठबंधन के तीनों घटकदलों ने हमारा समर्थन किया है। बिहार में महागठबंधन रहेगा।
विदित हो कि जैसे ही राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने दोनों सीटों पर राजद के उम्मीदवारों का ऐलान किया, कांग्रेस में हलचल मच गई। पार्टी ने सीधे तौर पर आरजेडी पर प्रत्याशी उतारने का आरोप लगाया था। पार्टी का कहना था कि तारापुर पर हमारा दावा नहीं था मगर कुशेश्वरस्थान सीट हमें दी जानी चाहिए। इसके बादकांग्रेस ने कुशेश्वरस्थान से अतिरेक कुमार तो तारापुर से राजेश कुमार मिश्रा को टिकट दे दिया। कांग्रेस ने कहा है कि हमारे उम्मीदवार राजद को हराकर कुशेश्वरस्थान और तारापुर सीट जीतेंगे।इन दोनों के अलावा जाप और लोजपा(आर) ने भी अपने-अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। तो यह तय माना जा रहा कि इन दो सीटों पर होने वाला उपचुनाव रोमांचक औऱ सियासी उठापटक से भरा होगा।