PATNA : 2019 के लोकसभा चुनाव में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के पुराने मित्र, बेटी और समधी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इन तीनों की जीत-हार से लालू की प्रतिष्ठा जुड़ी है। लिहाजा राजद ने इन तीनों के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। हालांकि लालू के तीन नजदीकियों की जीत इतनी आसान नहीं दिख रही है। तीनों सीट पर अपने ही सबसे बड़े बाधक बन कर खड़े हैं।
दरअसल इस बार लालू प्रसाद के पुराने मित्र शरद यादव मधेपुरा से चुनाव मैदान मे हैं। वे इस बार लालू प्रसाद की लालटेन लेकर मैदान मे उतरे हैं। कभी लालू प्रसाद इसी मधेपुरा सीट से शरद यादव के हाथों पराजित हो गए थे। लेकिन इस बार शरद यादव खुद लालू की शरण मे चले गए और राजद ने उन्हें मधेपुरा से उम्मीदवार बनाया है। हालांकि राजद ने शरद यादव को जीता दिलाने के लिए पूरी ताकत से लगी है, लेकिन इस सीट से पप्पू यादव ने शरद के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। पप्पू एक बार फिर से मधेपुरा के रण मे कूद गए हैं। जदयू ने भी मधेपुरा से दिनेशचंद्र यादव को मैदान मे उतारा है। लिहाजा शरद यादव मधेपुरा के रण में त्रिकोणात्मक लड़ाई मे फंस गए हैं।
वहीं लालू प्रसाद के लिए दूसरी महत्वपूर्ण सीट पाटलिपुत्रा की है। यहां से लालू प्रसाद की बड़ी बेटी मीसा भारती चुनावी मैदान में हैं। मीसा 2014 में इस सीट से लालू के कभी खास रहे रामकृपाल यादव के हाथों पराजित हो चुकी हैं। 2014 में मीसा की हार अपनों के हाथो होना लालू प्रसाद के लिए एक बड़ा झटका के समान था। 2019 के चुनाव मे एक बार फिर मीसा और रामकृपाल आमने-सामने हैं। लालू के समक्ष इस बार पिछली हार का बदला लेना होगा। हालांकि यहां भी लालू प्रसाद के लिए राहें आसान नही है।
बताया जा रहा है कि इस बार पाटलिपुत्रा सीट से पार्टी उसी इलाके के जमीन से जुड़े एक नेता को उतारना चाहती थी। जानकार बताते हैं कि अभी एलान ही होने वाला था कि परिवार में विवाद खड़ा हो गया और मीसा की जिद और पारिवारिक दबाव के बाद आखिरकार एकबार फिर से मीसा भारती को चुनावी मैदान मे उतारा गया।
राजद सुप्रीमों के लिए तीसरी बड़ी लड़ाई छपरा सीट पर है। वहां भी लालू प्रसाद की प्रतिष्ठा जुड़ी हुई है। सारण सीट लालू प्रसाद की पारिवारिक सीट मानी जाती है। इस बार लालू प्रसाद ने अपने समधी चंद्रिका राय को मैदान मे उतारा है। लेकिन यहां उन्हें अपने बेटे से ही चुनौती मिल रही है।
लालू के बड़े लाल तेजप्रताप यादव अपने ससुर के विरोध में खड़े है। तेजप्रताप ने चंद्रिका राय के खिलाफ बगावत का एलान करते हुए कुछ दिन कहा भी था कि पार्टी चंद्रिका राय से टिकट वापस करे वरना वे खुद अपने ससुर के खिलाफ चुनाव मैदान मे उतरेंगे।
बता दें कि चंद्रिका राय की बेटी एश्वर्या से तेजप्रताप यादव की शादी हुई है, लेकिन शादी के कुछ दिन बाद से ही दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया और मामला तलाक तक पहुंच गया है। लालू प्रसाद को छपरा सीट से अपने समधी को जीताना भी एक बड़ी चुनौती होगी।
लालू प्रसाद भले ही जेल मे है, लेकिन राजनीति में उनकी पकड़ और दबदबा आज भी पहले की तरह कायम है। लोकसभा चुनाव मे उनकी राजद प्रत्याशियों और खासकर उनके करीबी और पारिवारिक सदस्यों की प्रतिष्ठा सीधे तौर पर उनसे जुड़ी है। लेकिन पारिवार और पार्टी के अंदर से ही विरोध के बाद उनकी परेशानी जरुर बढ़ गई है। बहरहाल चुनाव में उनकी प्रतिष्ठा बची रहती है या नहीं इसका पता तो 23 मई के बाद ही चल पायेगा।