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चीन को चित करने के लिए तैयार है भारत, इस अंडर वॉटर टनल से होगा सीधा मुकाबला

 चीन को चित करने के लिए तैयार है भारत, इस अंडर वॉटर टनल से होगा सीधा मुकाबला

DESK: चीन हर वो कोशिश कर रहा है जिससे भारत को नुकसान हो सके पर भारत चीन के हर एक गेम को पलटने में कामयाब हो रहा है.  ब्रह्मपुत्र नदी में आई बाढ़ से चीन को मजबूती मिली है तो अब भारत भी जवाब देने के लिए कमर कस चूका है. भारत सरकार ने चीन को अरुणाचल प्रदेश के मोर्चे पर पीछे ढकलने का एक गेम प्लान तैयार किया है. ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे एक ऐसी टनल बनाई जाएगी जो अरुणाचल के दूर दराज के इलाकों तक हमारी सेना की पहुंच को आसान बनाएगी.

दरअसल ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे एक 15 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जाएगी. जिसके अंदर से सेना की बख्तरबंद गाड़ियां फर्राटा भरेंगी. चीन अब ब्रह्मपुत्र की त्रासदी को हथियार के तौर पर इस्तेमाल नहीं कर पाएगा. ये अंडर वॉटर टनल अरुणाचल प्रदेश के दूर दराज के इलाकों में चीन के वॉटर गेम प्लान की बड़ी काट है. इससे चीन की रणनीति पर बड़ा प्रहार होगा.भारत सरकार ने ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे एक रणनीतिक सुरंग बनाने की स्वीकृति दे दी है, जो असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी के लिए बेहद अहम है. यह सुरंग चीन के लिए सिरदर्द साबित होगी.

बता दें कि ये सुरंग असम के नुमलिगढ़ से गोहपुर को जमीन के नीचे-नीचे जोड़ देगी. दोनों इलाकों के बीच ब्रह्मपुत्र नदी बहती है. सरकार ने फैसला लिया है कि करीब 15 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाकर इन दोनों इलाकों को जोड़ दिया जाएगा. इस सुरंग के बनने से 242 किलोमीटर की दूरी घटकर सिर्फ 15 किलोमीटर रह जाएगी. पहले 6 घंटे में ये सफर तय होता था. सुरंग बनने के बाद सिर्फ 15 मिनट में ही ये रास्ता पार कर लिया जाएगा.अरुणाचल प्रदेश के बॉर्डर वाले इलाके तक पहुंचना सेना के लिए बड़ी चुनौती है. एक तो पहाड़ी इलाकों से जूझते हुए ही सीमा तक जाना होता है और रही सही कसर ब्रह्मपुत्र की बाढ़ की वजह से पूरी हो जाती है.  जब हालात ज्यादा बिगड़ते हैं तो इन परिस्थितियों का फायदा चीन को होता है. इस सुरंग से दुश्मन के फायदे वाली लाइफ लाइन को काटने की कोशिश है.


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