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स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत को मिली बड़ी कामयाबी, लाइलाज माने जानेवाले सिकल सेल की दवा तैयार, DGCI ने भी दी मंजूरी

स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत को मिली बड़ी कामयाबी, लाइलाज माने जानेवाले सिकल सेल की दवा तैयार, DGCI ने भी दी मंजूरी

PATNA : स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारतीय दवाएं विश्व में अपना अलग स्थान रखती है। जिसे भारत ने एक बार फिर साबित किया है। दुनिया में अब तक लाइलाज रही सिकल सेल बीमारी की रोकथाम के लिए आखिरकार दवा तैयार कर ली गई है। इस बात  की जानकारी खुद स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने दी है। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  को भी इस कामयाबी के लिए बधाई दी है। 

उन्होंने आगे लिखा, पीएम मोदी ने 2023 में सिकल सेल एनीमिया की रोकथाम के लिए सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन की शुरुआत की थी. उन्होंने आगे लिखा, दवा खासकर जनजातीय भाई-बहनों और बच्चों के लिए वरदान साबित होगा. उन्होंने आगे लिखा, भारत को हम जल्द सिकल सेल से मुक्त करेंगे।

मेक इन इंडिया के तहत होगा निर्माण

मेक इन इंडिया के तहत सिकल सेल एनीमिया दवा के निर्माण पर एकम्स ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड के एमडी संदीप जैन ने कहा, हम उत्पादन (सिकल सेल एनीमिया दवा) के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। हम प्रति माह 2 करोड़ बोतलों का उत्पादन कर सकते हैं. कंपनी के एमडी ने बताया, कुछ अध्ययन से पता चला कि अगर इसकी दवा कम कीमत पर उपलब्ध नहीं है तो हम इस बीमारी को खत्म नहीं कर सकते। कंपनी के एमडी ने बताया, दवा की कीमत करीब 700-800 रुपये हो सकती है

भारत-अफ्रीका में 80 फीसदी मरीज

सिकल सेल की दवा बनाने वाली कंपनी ने बताया, इस बीमारी (सिकल सेल एनीमिया) की 80% आबादी अफ्रीका और भारत में है.. शोध के बाद हमने एक दवा विकसित की है। दवा कमरे के तापमान पर भी स्थिर रह सकता है. पहले मरीजों को दवा लेने के लिए अस्पताल आना पड़ता था, लेकिन यह दवा जहां है वहीं दी जा सकती है. दवा को 25 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर संग्रहित किया जा सकता है। 

क्या है सिकल सेल?

सिकल सेल खून की कमी से जुड़ी बीमारी है. जिसमें बीमार व्यक्ति में खून की कमी हो जाती है. हर व्यक्ति में लाल रक्त कोशिकाएं होती हैं. जो आकार में गोल, लचीला और सॉफ्ट होती है. लेकिन जब यह बीमारी किसी व्यक्ति में होती है, तो यह सिकल या हंसिया के आकार में आ जाती है. जिससे धमनियों में रक्त के प्रवाह को अवरुद्ध कर देती है. उसके बाद धीरे-धीरे लाल रक्त कोशिकाएं खत्म होने लगती हैं और शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है. 

सिकल सेल बीमारी से होने वाली परेशानियां

खून की कमी, फेफड़ों, दिल, आंखों, हड्डियों और मस्तिष्क पर प्रभाव, जोड़ों में दर्द, बुखार आना, शरीर का विकास रूक जाना, जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं।

भारत के 13 राज्यों की प्रमुख बीमारी

 सिकल सेल बीमारी से ग्रसित मरीज ज्यादातर आदिवासी इलाकों में है। सरकार के आकड़ों में अभी देश के 13 राज्यों की यह प्रमुख बीमारी है। जहां हर साल बड़ी संख्या में सिकल सेल के मरीज सामने आते हैं।

13 राज्यों में एससीडी का उच्च प्रसार है:

राजस्थान Rajasthan

गुजरात

एमपी

छत्तीसगढ

झारखंड

पश्चिम बंगाल

ओडिशा

तेलंगाना

आंध्र प्रदेश

तमिलनाडु

केरल

कर्नाटक

महाराष्ट्र



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