DESK : चीन की सेना पीएलए ने तिब्बत में हिमालय की चोटियों पर कब्ज़ा करने का बड़ा अभ्यास किया है. आपको बता दें की चीनी विशेषज्ञ का कहना है की चीनी सेना का मकसद भारत को चेतावनी देना था. हिमालय की चोटियों पर अब जिस तरह से चीन ने अपनी नजर गड़ाई हैं, उसके बाद भारत की चिंताएं बढ़ गई है। इसके पहले भारत ने लद्दाख विवाद के दौरान चीनी सेना को चौकाते हुए कैलाश रेंज की चोटियों पर कब्ज़ा कर लिया था.
ऊंचाई से हमले की सटीक जानकारी तैयार कर रहा है ड्रैगन
रिपोर्ट के अनुसार दो दिन और एक रात तक चले अभ्यास के दौरान पीएलए ने चोटी पर तोपखाने से गोलियों का बौछार किया और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक हमले भी किये. आपको बता दें की इसी दौरान दुश्मन की निगरानी की गयी और जासूसी को भी अंजाम दिया गया। 12 सदस्यीय दल ने इसी दौरान 6100 मीटर की ऊंचाई तक की चढ़ाई की, ताकि हमले के लिए सटीक जानकारी इकठ्ठा किया जा सके। इस दौरान ब्लू आर्मी का डेटा इकठ्ठा करने के बाद उसे तत्काल कमांड सेंटर भेजा गया।
आपको बतातें चलें की इसके बाद ही चीनी तोपों ने भारी गोलीबारी की शुरुआत कर दी. इस ड्रील के दौरान एक ड्रोन एयरक्राफ्ट को मार गिराने का अभ्यास हुआ. इलेक्ट्रोमैग्नेटिक हथियार का इस्तेमाल इस दौरान ड्रोन को भ्रमित करने के लिए किया गया. दुश्मनों को मार गिराने के लिए पीएलए ने ड्रोन विमान भेजे और उन्होंने ने बम गिराए. स्नाइपर के इस्तेमाल से और हथियार बंद हेलीकाप्टरके हमले से 4800 मीटर की ऊंचाई पर दुश्मन से हिमालय की चोटी को छीन लिया गया.