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अज्ञात योगी के कहे पर सालों चलता रहा भारत का शेयर बाजार, गैर अनुभवी अधिकारी को वेतन दिया 1.68 करोड़, हैरतअंगेज किस्से जानकर उड़ जाएंगे होश

अज्ञात योगी के कहे पर सालों चलता रहा भारत का शेयर बाजार, गैर अनुभवी अधिकारी को वेतन दिया 1.68 करोड़, हैरतअंगेज किस्से जानकर उड़ जाएंगे होश

दिल्ली. एक अज्ञात योगी के कहे पर फैसले करने वाली नेशनल स्टाक एक्सचेंज यानी एनएसए की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्णा के ठिकानों पर आयकर की छापेमारी हुई है. चित्रा पर एक आध्यात्मिक गुरू के साथ गोपनीय जानकारी को साझा करने का आरोप है. हैरत की बात है कि चित्रा ने उस गुरु को अज्ञात बताया है लेकिन उस गुरु के कहे पर अपने कार्यकाल के दौरान एनएसए से जुड़े फैसले लेते रही. 

चित्रा रामकृष्ण अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 तक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की एमडी एवं सीईओ थीं. उन्होंने स्वीकार किया है कि पिछले 20 साल से वह एक अज्ञात योगी के सम्पर्क में है. वह योगी को सिरोमणि कहती हैं और उससे पिछले 20 वर्षों से व्यक्तिगत और व्यावसायिक मामलों पर उनका मार्गदर्शन लेते रही है. उन्होंने सिरोमणि को आध्यात्मिक शक्ति का केंद्र बताया था और दावा किया था वे  अपनी इच्छानुसार कहीं भी प्रकट हो सकते हैं. 

चूकी चित्रा ने उस अज्ञात योगी से एनएसए की गोपनीय जानकारी साझा की थी इसे लेकर उनके खिलाफ जांच चल रही है. इस बीच करीब छह साल की जांच के बाद सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी  ने 11 फरवरी को रामकृष्ण पर एक्सचेंज की आंतरिक गोपनीय जानकारी को किसी अज्ञात व्यक्ति के साथ साझा करने के लिए 3 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. 

चित्रा पर अपने कार्यकाल के दौरान वरिष्ठ अधिकारी आनंद सुब्रमण्यन की नियुक्ति में अनियमितता का भी आरोप है. दरअसल आनंद सुब्रमण्यन अप्रैल 2013 में एनएसए से जुड़ने के पहले जिस कंपनी में थे वहां उनकी सैलरी 15 लाख रुपये सालाना थी और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर यह बढ़कर 1.68 करोड़ रुपये पर पहुंच गई थी. चित्रा ने इसके लिए भी अज्ञात योगी के सुझाव को प्राथमिकता देने की बात कही थी. यहां तक कि उन्हें पहले शेयर बाजार का कोई अनुभव नहीं था.लेकिन चित्रा उन्हें कंसल्टेंट के तौर पर लाईं थीं, जिनका काम हफ्ते में चार दिन का था. उस पर उन्हें तय मानकों से कहीं ज्यादा 1.68 करोड़ रुपये वेतन दिया गया जो हैरान करने वाला रहा. हालांकि चित्रा को नियमों के तहत इस प्रकार की नियुक्ति का अधिकार बताया गया था. सेबी ने इस मामले में आनंद सुब्रमण्यन पर 2 करोड़ का जुर्माना लगाया था. 

इन्हीं मामलों को लेकर जब कुछ समय पूर्व खुलासा हुआ तो सेबी के होश उड़ गए. यहां तक कि एक उच्च शिक्षित और उच्च पेशेवर पद पर बैठी अधिकारी का अज्ञात योगी की बातों पर विश्वास करना सबको हैरान कर रहा है. इन्हीं मामलों को लेकर अब आयकर विभाग ने चित्रा रामकृष्णा के यहां छापेमारी की है. माना जाता है कि आनंद सुब्रमण्यन ने ही चित्रा रामकृष्ण को उलझाया और फर्जी योगी बनकर उसे सालों भ्रमित करता रहा. 


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