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इंडिगो स्टेशन हेड रूपेश सिंह की हत्या ने बिहार में हुए दो पुरानी वारदाताें की दिलाई याद, जानिए दोनों मामले...

इंडिगो स्टेशन हेड रूपेश सिंह की हत्या ने बिहार में हुए दो पुरानी वारदाताें की दिलाई याद, जानिए दोनों मामले...

डेस्क...  इंडिगो के स्टेशन हेड रुपेश सिंह की हत्या ने बिहार में हुए दो पुरानी वारदातों की याद ताजा कर दी। इसमें एक मामला ट्रांसपोर्टर संतोष टेकरीवाल और दूसरा मामला कारोबारी व बीजेपी नेता गुंजन खेमका की हत्या का है। इन दोनों की तरह ही रुपेश सिंह की भी हत्या की गई। रुपेश को अपनी कार से बाहर निकलने का मौका भी नहीं मिला। 

दरअसल, 12 जून 2009 की रात 8:30 बजे के करीब कदमकुआं थाना के तहत राजेंद्र नगर के रोड नंबर 5 में एक स्कूल के पास अपराधियों ने कार में बैठे आजाद ट्रांसपोर्टर संतोष टेकरीवाल की गोली मारकर हत्या कर दी थी। वारदात को दो अपराधियों ने अंजाम दिया था। गोली बाईं तरफ से सीने में मारी गई थी। इस वारदात को 11 साल से भी अधिक बीत गए हैं, लेकिन आज तक अपराधी नहीं पकड़े गए।

इसी तरह पटना के रहने वाले कारोबारी व बीजेपी के नेता गुंजन खेमका की हत्या की गई थी। 20 दिसंबर 2018 को गुंजन पटना से हाजीपुर इंडस्ट्रीयल एरिया स्थित अपनी फैक्ट्री गए थे। गेट पर ही जब कार खड़ी थी तो घात लगाए अपराधियों ने बाहर से गोलियों की बौछार कर दी थी। खिड़की का शीशा चकनाचुर हो गया था। यह वारदात दोपहर 12 बजे के करीब की थी। 

हत्या के इन दोनों वारदातों की तरह ही मंगलवार की रात पटना में इंडिगो के स्टेशन मैनेजर की घात लगाए अपराधियों ने उनके ही अपार्टमेंट के गेट पर की। वो भी तब जब वो कार से बाहर निकले भी नहीं थे। अपराधियों ने इस तरह गोली मारी की ड्राइविंग सीट की खिड़की का शीशा चकनाचुर हो गया था। सीट पर खून पसरे हुए थे। इन तीनों ही वारदातों में अपराधियों की हत्या करने का तरीका काफी मिलता जुलता है।

CISF के साथ मिलकर खंगाला गया CCTV फुटेज
रुपेश सिंह की हत्या ने पूरे बिहार को हिला कर रख दिया है। SIT को अलग-अलग हिस्सों में बांट कर उनकी जिम्मेवारी तय कर दी गई है। सचिवालय डीएसपी राजेश प्रभाकर की अगुवाई में शास्त्रीनगर थानेदार रामशंकर सिंह और एयरपोर्ट थानेदार अरुण कुमार व पटना पुलिस की स्पेशल सेल की टीम बुधवार को करीब 4 घंटे से अधिक देरी तक एयरपोर्ट पर रही। इस टीम ने CISF के साथ मिलकर एयरपोर्ट में लगे सभी CCTV कैमरा के फुटेज को खंगाला। मंगलवार के दिन रुपेश के हर मूवमेंट को चेक किया। साथ ही फुटेज के जरिए किसी संदिग्ध की तलाश की। घंटों की कड़ी मेहनत में पुलिस के हाथ क्या लगा? इस बारे में कुछ खुलासा नहीं किया गया है। 

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