दिल्ली. बजाज ग्रुप के पूर्व चेयरमैन राहुल बजाज का 83 साल की उम्र में निधन हो गया है. उन्होंने शनिवार को अंतिम सांस ली. वे पिछले काफी समय से कैंसर से जूझ रहे थे.
10 जून 1938 को कोलकाता में पैदा हुए राहुल बजाज वे पिछले 50 साल से बजाज ग्रुप के चेयरमैन थे. राहुल बजाज मारवाड़ी बिजनेसमैन परिवार से थे. उनका परिवार लम्बे अरसे से कोलकाता में सक्रिय था. राहुल बजाज भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक उद्योगपति और मोहनदास करमचंद गांधी के प्रमुख समर्थक जमनालाल बजाज के पोते थे. कंपनी का मुख्यालय मुंबई शिफ्ट होने पर राहुल भी कोलकाता और मुंबई के बीच आते जाते रहे. उन्होंने बजाज समूह की कमान 60 के दशक में संभाली ली.
2005 में उन्होंने अपना चेयरमैन का पद छोड़ दिया था. इसके बाद उनके बेटे राजीव बजाज ने ये जिम्मेदारी संभाली. 2008 में उन्होंने बजाज ऑटो को तीन यूनिट में बांट दिया था. इसमें बजाज ऑटो, फाइनेंस कंपनी बजाज फिनसर्व और एक होल्डिंग कंपनी शामिल है. भारत सरकार ने 2001 में राहुल बजाज को पद्म भूषण से नवाजा था. 2006 से 2010 तक राहुल बजाज राज्यसभा के सदस्य भी रहे थे. राहुल बजाज ने मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना भी की थी. इसे लेकर उस समय विवाद हुआ था.
बॉक्सिंग के शौकीन राहुल ने एक इंटरव्यू में कहा था कि बॉक्सिंग की वजह से ही उन्हें बिजनेस में मिलने वाली चुनौतियों का सामना करने का हौसला मिलता है. 2017 फोर्ब्स मैग्जीन ने राहुल बजाज को दुनिया भर के अमीरों की लिस्ट में 544वें नंबर पर रखा है. 2012 में ‘हमारा बजाज’ नाम से एक फिल्म बनने वाली थी. टाइटल को लेकर बजाज कंपनी ने कानूनी नोटिस भेज दिया था. क्योंकि ‘हमारा बजाज’ कंपनी की टैगलाइन रही है.