AURANGABAD : औरंगाबाद में पुलिस का अमानवीय चेहरा देखने को मिला है। यह मामला है भगवान भास्कर की नगरी देव का है। जहाँ जिला प्रशासन ने देश के कोने कोने से आये छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं के लिए तमाम तरह की व्यवस्था करने की दावा कर रही थी। घटना 14 अप्रैल के सुबह की है।
बताया जाता है की कुष्ठ निवारण तालाब के पास एक श्रद्धालु को अचानक तबीयत बिगड़ गया। जिसे तालाब के समीप मौजूद मेडिकल टीम के द्वारा उसे उठा कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र देव लाया गया। कुछ घंटे के बाद श्रद्धालु की तबीयत में थोड़ी सुधार हो गई। जिसे लेकर एम्बुलेंस उसके आवास पर छोड़ने जा रहा था। जैसे ही एंबुलेंस थाना मोड़ के पास पहुंचा। वैसे ही वहां पर मौजूद पुलिसकर्मी एंबुलेंस को रोक दिया।
जबकि एंबुलेंस चालक के द्वारा यह बताया गया कि इस एंबुलेंस पर मरीज है जिसे हम इसके आवास पर छोड़ने जा रहे है। और कुछ खास दवाइयां भी है जिसको तालाब पर मौजूद मेडिकल टीम को पहुंचाने जा रहा हूं। लेकिन ड्राइवर की बात को अनसुना करते हुए पुलिसकर्मी ने मरीज को एंबुलेंस से मरीज को बाहर कर दिया। जिसका विरोध वहां पर मौजूद स्वास्थ्य कर्मी ने किया तो उन्हे भी पुलिसिया जुर्म का शिकार बनना पड़ा।
स्वास्थ्य कर्मी का कहना है कि वहां पर मौजूद पुलिस ने हमें तथा एंबुलेंस चालक को जमकर पिटाई की है। जिसको लेकर एंबुलेंस चालक तथा स्वास्थ्य कर्मी में खासे आक्रोश देखने को मिल रहा है। कर्मियों ने जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगाया है। उसने यह भी कहा है की अगर न्याय नही मिला तो हम सभी स्वास्थ्य कर्मचारी आंदोलन करने पर मजबूर होगे।
औरंगाबाद से दीनानाथ मौआर की रिपोर्ट