गया : गया केंद्रीय कारागार से रिहा दो विचाराधीन कैदियों ने जेल प्रशासन पर कई संगीन इल्जाम लगाये हैं। उन्होंने जेल प्रशासन पर अमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाया है। कैदी ने बताया कि जैसे ही जेल प्रशासन को पता चला कि उसे एड्स है, उसके साथ अमानवीय व्यवहार शुरू हो गया। उसे वार्ड से ट्रांसफर कर सेल में रख दिया गया। न तो ठीक से खाना दिया जाता था और न ही किसी से मिलने की इजाजत थी। पूरी तरह से नजरबंद कर दिया गया था। कैदी ने बताया कि उसे 19 नंबर की सेल में रखा गया था, जहां उसे सांस लेने में भी काफी कठिनाई होती थी। किसी तरह कैदी ने अपनी आपबीती नेशनल ह्यूमन राइट्स एंड पब्लिक वेलफेयर ट्रस्ट तक पहुंचायी। संस्था के सचिव गणेश सिंह ने बताया कि हमलोगों ने अपनी ओर से पहल कर बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण व गया के जिलाधिकारी से मानवता के आधार पर दोनों कैदियों को रिहा करने की अपील की। गुरुवार को दोनों कैदियों को रिहा कर दिया गया। एक कैदी का नाम सुरेंद्र बहादुर (बदला हुआ नाम) है और दूसरे कैदी का नाम विनोद कुमार है। सुरेंद्र बहादुर नेपाल का रहनेवाला है तो विनोद कुमार हिमाचल प्रदेश का निवासी है।