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कला और संस्कृति विभाग की पहल, शहनाई वादक बिस्मिल्लाह खान के नाम पर बिहार में खुलेगा सांस्कृतिक विश्वविद्यालय

कला और संस्कृति विभाग की पहल, शहनाई वादक बिस्मिल्लाह खान के नाम पर बिहार में खुलेगा सांस्कृतिक विश्वविद्यालय

PATNA : बक्सर जिले के डुमरांव में मशहूर शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिलाह खान के नाम पर सांस्कृतिक विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी. बिहार के कला और संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार ने बताया कि बिहार के दिग्गज कलाकारों ने जिस तरीक़े से विश्वभर में नाम रोशन किया है ऐसे में हम सबका दायित्व है कि इन विभूतियों के लिए कुछ करें. इसके लिए कला और संस्कृति विभाग की पहल पर विश्वविद्यालय की जाएगी.

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जिसके लिए 10 एकड़ जमीन के अधिग्रहण का प्रस्ताव दिया गया है. सरकार की योजना बिस्मिल्लाह खान पर बनाये गए डोक्युमेंटरी से लेकर उनकी स्मृतियों को संजोने की है.

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कौन थे बिस्मिल्लाह खान 

देश ही नहीं विदेशों में भी शहनाई की गूंज को पहुँचाने का श्रेय उस्ताद बिस्मिलाह खान को जाता है. बिहार के बक्सर जिले के डुमरांव में 21 मार्च 1916 को इनका जन्म हुआ था. मुस्लिम परिवार में जन्मे बिस्मिल्लाह खान के बचपन का नाम कमरुद्दीन था. इनके पिता भी डुमरांव महाराज के पारिवारिक आयोजनों में शहनाई बजाने का काम करते थे.

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बाद में बिस्मिल्लाह खान बनारस चले गए. इनकी उपलब्धियों को देखते हुए भारत सरकार की ओर से इन्हें 1961 में पद्मश्री, 1968 में पद्म भूषण, 1980 में पद्म विभूषण और 2001 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया. बताते चलें की जाने-माने पत्रकार और लेखक मुरली मनोहर श्रीवास्तव 2013 से इसकी लड़ाई लड़ रहे हैं. वे मूलरूप से डुमरांव के ही निवासी है. वे शहनाई वादक बिस्मिल्लाह खां पर रिसर्च बेस्ड पुस्तक लिखने से लेकर डॉक्यूमेंट्री तक बना चुके हैं. उस्ताद के जीवनी पर लिखी उनकी पुस्तक का विमोचन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था. बिस्मिल्लाह खां के काफी करीबी मुरली मनोहर श्रीवास्तव को उस्ताद बेहद प्यार करते थे. डुमरांव में स्टेशन पर बिस्मिल्लाह खां की तस्वीर बनवाने से लेकर वाराणसी में उस्ताद के मजार तक बनवाने के लिए अखिलेश सरकार से पहल की. उसके बाद 20 लाख की लागत से इसका निर्माण कार्य पूरा किया गया.      

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