NEWS4NATION DESK : 30 वर्षों का पुराना गठबंधन महाराष्ट्र के सियासी चौसर पर कुर्सी के खातिर बिखर गया। कोई कह रहा है कि कमरे के अंदर हुई बात को सार्वजनिक करने की जरूरत नहीं थी तो कोई कह रहा है कि कमरे के अंदर कोई बात ही नहीं हुई।
खैर बात कुछ भी हो, लेकिन शिवसेना और भाजपा के बीच चल रही कुर्सी की लड़ाई में शिवसेना और भाजपा का 30 साल पुराना गठबंधन बिखर गया।
गठबंधन टूटने से सबसे ज्यादा खुश कौन?
शिवसेना और भाजपा का पुराना यानी 30 साल से चला आ रहा राजनीतिक जोड़ टूट गया है। उद्धव ठाकरे को अपने बेटे के लिए सीएम की कुर्सी चाहिए तो दूसरी तरफ बड़े भाई के तौर पर महाराष्ट्र की सियासत में खड़ी बीजेपी यह होने देना नहीं चाहती। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में आए परिणाम के बाद बीजेपी जहां बहुमत से कम तो 100 से ज्यादा पर जाकर अटक गई, वहीं शिवसेना को सिर्फ 56 सीटों की जीत से ही संतोष करना पड़ा। लेकिन 56 सीट लाकर भी उद्धव ठाकरे अपने बेटे के लिए सीएम की कुर्सी चाहते थे जो बीजेपी को गवारा नहीं ।
अंततः कुर्सी के चक्कर में यह गठबंधन बिखर गया, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जोड़ और तोड़ के चक्कर में सबसे ज्यादा खुश कौन से दल या फिर पार्टी का नेता है।
बता दें कि शिवसेना और भाजपा के गठबंधन टूटने से सबसे ज्यादा खुशी मिली है तो वह पार्टी कांग्रेस है और नेता कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी। कांग्रेस के लिए शिवसेना और भाजपा का गठबंधन टूटना महाराष्ट्र की सियासत में किसी वरदान से कम नहीं। इसी बहाने एनसीपी और कांग्रेस कई मतभेदों के बाद भी एक मोर्चे पर आ गए हैं।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र की सियासत में कांग्रेस के सर्वे- सर्वा रह चुके पवार ने एनसीपी बना ली थी। फिर वहीं से कांग्रेस के पतन का दौर शुरू हो गया था। लेकिन एक बार फिर से भाजपा शिवसेना गठबंधन टूटने के बाद एनसीपी और कांग्रेस की दोस्ती जमने लगी है।
फिलहाल महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र में एनसीपी और कांग्रेस शिवसेना को लेकर सरकार बनाने के जुगाड़ में लगी है।