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धार भोजशाला मंदिर है या मस्जिद! खंभों पर मिले 94 हिंदू देवी-देवताओं की मूर्ति और निशान, एएसआई ने हाई कोर्ट में पेश की सर्वे रिपोर्ट

धार भोजशाला मंदिर है या मस्जिद! खंभों पर मिले 94 हिंदू देवी-देवताओं की मूर्ति और निशान, एएसआई  ने हाई कोर्ट में पेश की सर्वे रिपोर्ट

मध्य प्रदेश की धार भोजशाला मामले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने अपनी सर्वे रिपोर्ट इंदौर हाई कोर्ट में पेश कर दी है। इस संबंध में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया  ने सोमवार को अपनी 2000 पेज की सर्वे रिपोर्ट मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में जमा कर दी है। हिंदू पक्ष के वकील की ओर से दावा किया गया है कि सर्वे के दौरान कई ऐसे साक्ष्य मिले हैं, जो साबित करते हैं कि यहां मंदिर था। अब 22 जुलाई 2024 को इस मामले में सुनवाई होगी।

रिपोर्ट में भोजशाला के खंभों पर हिंदू देवी-देवताओं की मूर्ति और निशान का जिक्र है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के जांच के दौरान शिव, जटाधारी भोलेनाथ, ब्रह्मा ,श्रीकृष्ण, समेत ९४ देवी-देवताओं की मूर्ति मिली हैं। अपनी रिपोर्ट में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने कहा है कि परिसर से चांदी, तांबे, एल्यूमीनियम और स्टील के कुल ३१ सिक्के बीते दिनों पाए गए थे। इन सिक्कों को १०वीं सदी का बताया गया है। इसके अलावा यह भी दावा किया गया कि कुछ सिक्के उस समय के भी हैं जब जब परमार राजा धार में अपनी राजधानी के साथ मालवा में शासन कर रहे थे।मध्य प्रदेश के धार  जिले स्थित भोजशाला  परिसर से कई ऐसे साक्ष्य मिले हैं, जो इसे मस्जिद नहीं बल्कि मंदिर होने का दावा करते हैं। 

दरअसल, ११ मार्च को इंदौर हाई कोर्ट ने धार भोजशाला का एएसआई की देखरेख में वैज्ञानिक सर्वे कराने का आदेश दिया था। सर्वेक्षण २२ मार्च से शुरू हुआ, जो २७ जून तक यानी ९८ दिनों तक किया गया। सर्वे के दौरान एएसआई की टीम ने खुदाई भी की। इस दौरान पूरे सर्वे की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी की गई। इस दौरान एएसआई ने अलग-अलग तरह के अवशेष जब्त किए हैं।

हिंदू समुदाय भोजशाला को  माता सरस्वती का मंदिर मानता है तो वहीं दूसरे समुदाय का कहना है कि मुस्लिमों की कमाल मौलाना मस्जिद यहां है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण  के 7 अप्रैल 2003 को दिए गए आदेश को लेकर विवाद है.

दरअसल, हिंदुओं और मुस्लिमों में बढ़ते विवाद को देखते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण  ने आदेश जारी कर भोजशाला परिसर में प्रवेश को सीमित किया था. उस आदेश के अनुसार हिंदू समुदाय के लोगों को सिर्फ मंगलवार और वसंत पंचमी के दिन पूजा-अर्चना करने की इजाजत है. उधर, मुस्लिम सिर्फ शुक्रवार को नमाज अदा कर सकते हैं. हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने इस व्यवस्था को लेकर कोर्ट में चुनौती दी है.

मौलाना कमालुद्दीन वेलफेयर सोसाइटी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के 11 मार्च के आदेश को चुनौती दी थी. इसमें मांग की गई थी कि  भोजशाला परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण नहीं किया जाए लेकिन 1 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने भोजशाला के वैज्ञानिक सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण   ने अपना रिपोर्ट उच्च न्यायालय को सौंप दिया है.

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