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सुशासन राज है या माफिया राज? मोतिहारी के जमीन मालिक हो जायें सावधान, भू-माफिया कभी भी कर सकते हैं कब्जा, कानून के रखवाले आपकी कोई मदद नहीं करेंगे!

सुशासन राज है या माफिया राज? मोतिहारी के जमीन मालिक हो जायें सावधान, भू-माफिया कभी भी कर सकते हैं कब्जा, कानून के रखवाले आपकी कोई मदद नहीं करेंगे!

MOTIHARI: बिहार के कथित सुशासन राज में अपनी संपत्ति-जमीन बचाना मुश्किल हो गया है। कानून का रखवाला ही जब माफियाओं से मिल जाये तब तो भगवान ही अपनी सुरक्षा कर सकते हैं। यही हालात मोतिहारी की हो गई है। ऐसा लग रहा कि पूर्वी चंपारण में पुलिस-प्रशासन का इकबाल खत्म हो गया है। पुलिस-प्रशासन व भू- माफियाओं की तिकड़ी ने जमीन मालिकों की नींद हराम कर दी है। कब किसकी जमीन पर कब्जा हो जाये यह कहा नहीं जा सकता। जिसके कंधे पर माफियाओं पर नकेल कसने की जिम्मेदारी है वो ही चादर तान कर सो रहा या फिर मौन समर्थन दे रहा। मोतिहारी में पिछले एक सप्ताह में तीन बड़े मामले आये हैं। जहां पुलिस- प्रशासनिक मिलीभगत से करोड़ों की जमीन को जबरन कब्जा करने के मामले का खुलासा हुआ है।  

भू-माफियाओं ने सारी हदें पार कर दी

गुरूवार को तो हद हो गई.......। मोतिहारी टाउन थाना के 200 मीटर की दूरी पर भू-माफियाओं के सैंकड़ों गुंडे अचानक पहुंच गये और जबरन जमीन पर बाउंड्री करने लगे। जमीन मालिक स्थानीय पुलिस से गुहार लगाते रहा। लेकिन पुलिस वहां जाना मुनासिब नहीं समझी। पीड़ित पक्ष के लोग थाना से लेकर एसपी और फिर ऊपर तक मदद के लिए गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं हो रहा था। इधर,भू-माफिया थाना से सटे जिला परिषद दफ्तर के सामने वाली करोड़ों की जमीन पर आनन-फानन में बाउंड्री कराने लगे। जमीन का दावेदार थक-हार कर एक बड़े अधिकारी को फोन किया। पूरे मामले में पुलिस मुख्यालय के हरकत में आने के बाद टाउन थाने की पुलिस आनन-फानन में मौके पर पहुंची। तब जाकर जमीन कब्जा होने से बच सका। पीड़ित पक्ष ने बताया कि भू-माफियाओं और पुलिस की मिलीभगत है। इसी वजह से जमीन पर जबरन कब्जा किया जा रहा था। उन्हें डर है कि आगे भी वे लोग उस जमीन पर कब्जा करने की पूरी कोशिश करेंगे। चार दिन पहले भी तुरकौलिया के बालगंगा में भू-माफियाओं ने जमीन कब्जा को लेकर आतंक मचाया था। माफियाओं ने पुलिस-सीओ के सामने फायरिंग और मारपीट की थी। सबसे बड़ा मामला तो मोतिहारी के चकिया का है। जहां धारा-144 लगने के बाद भी कई एकड़ जमीन की रातो-रात बाउंड्री करा ली गई। इतना सबकुछ होते रहा और पुलिस को भनक तक नहीं लग रही। चकिया डीएम ने जांच कमिटि बनाई इसके बाद भी जबरन बाउंड्री का काम जारी रहा। 

मोतिहारी शहर में भू-माफियाओं के आतंक पर क्या कहा एसडीपीओ ने

मोतिहारी शहर में करोड़ों की जमीन कब्जा मामले में एसडीपीओ कहते हैं कि उनको इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। सदर एसडीपीओ अरूण कुमार गुप्ता से पूछा गया कि भू-माफिया सैकड़ों की संख्या में थाना के बगल में जमीन कब्जा करने पहुंच जाते हैं और सूचना के बाद भी पुलिस नहीं पहुंचती है,यह कैसी पुलिसिंग है? इस पर एसडीपीओ ने कहा कि उनके पास कोई फोन या आवेदन नहीं आया था। लिहाजा वे इस मामले में क्या करेंगे। अब आप आसानी से समझ सकते हैं कि मोतिहारी में किस तरह की पुलिसिंग है। 

चकिया चीनी मिल की जमीन कर लिया कब्जा

मोतिहारी के चकिया में कई एकड़ जमीन पर जबरन कब्जा किया जा रहा है। पुलिस-प्रशासन की मिलीभगत से जिस जमीन पर धारा-144 लागू है उस पर कई ट्रक गिट्टी-बालू गिरा कर बाउंड्री किया जाता रहा। लेकिन चकिया एसडीओ,सीओ और पुलिस उसे रोकने में विफल रही.

कटघरे में प्रशासन

मोतिहारी के डीएम ने चकिया एसडीओ की जांच रिपोर्ट के बाद 12 जून को एक और जांच का आदेश जारी किया.इसके लिए उन्होंने 3 सदस्यीय जांच टीम गठित की है। डीएम ने पत्र में उल्लेख किया है कि वैद्यनाथ शुगर मिल के विष्णु कांत गुप्ता की तरफ से सूचित किया गया है कि चकिया अंचल के मौजा बरमदिया में खाता संख्या तीन खेसरा संख्या 4511 पर असामाजिक तत्वों द्वारा बलपूर्वक कब्जा कर घेराबंदी किया जा रहा है.  उक्त भूमि पर भू हदबंदी विवाद चल रहा है. शिकायत के आलोक में भूमि सुधार उप समाहर्ता चकिया एवं अनुमंडल दंडाधिकारी से जांच कराया गया. जांच प्रतिवेदन 9 जून को प्राप्त हुआ है. जांच में यह उल्लेख किया गया है कि उक्त भूमि पर पिलरिंग एवं घेराबंदी का कार्य किया जा रहा है.जबकि पूर्व से उक्त विवादित भूमि पर रोक लगाया जा चुका है. साथ ही यह भी उल्लेख किया गया है कि विवादित भूमि पर अनुमंडल दंडाधिकारी चकिया के न्यायालय से धारा 144 लागू है.

डीएम ने तीन सदस्यीय जांच कमेटि बनाई

मोतिहारी डीएम ने चकिया एसडीओ की जांच के बाद भूमि सुधार उप समाहर्ता अरेराज, अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी पकड़ीदयाल एवं अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी अरेराज को जांच का जिम्मा दिया है. डीएम ने चार बिंदुओं पर जांच कर रिपोर्ट देने करने का आदेश दिया है. डीएम के पत्र में कहा गया है कि जांच टीम इस बिंदु पर जांच करें कि अनुमंडल दंडाधिकारी चकिया एवं भूमि सुधार उप समाहर्ता चकिया को क्या इस मामले की जानकारी थी? यदि जानकारी थी तो उनके स्तर से क्या कार्रवाई की गई? अनुमंडल दंडाधिकारी चकिया कS न्यायालय में संचालित धारा 144 संबंधी वाद की पूरी प्रक्रिया की समीक्षा किया जाए. इसके अलावा दो अन्य बिंदुओं पर जांच करने का आदेश दिया है.

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