PATNA : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा की कोरोना संक्रमण रोकने के लिए एक तरफ हर गरीब परिवार को 4 मास्क और एक साबुन मुफ्त देने के लिए 160 करोड़ रुपये दिये गए, तो दूसरी तरफ मास्क लगाये बिना बाहर निकले लोगों से जुर्माना वसूलने की सख्ती भी की गई. इसके बावजूद सार्वजनिक स्थलों पर एहतियात बरतने में शिथिलता बरती गई, जिससे संक्रमण तेजी से बढ़ा और पूरे प्रदेश में 31 जुलाई तक सम्पूर्ण लाकडाउन लागू करना पड़ा.
यदि हमने अपनी सामूहिक संकल्प शक्ति से काम लिया और नियमों का सख्ती से पालन किया तो संक्रमण की कड़ी अवश्य टूटेगी. उन्होंने कहा की विभिन्न राज्यों में अलग-अलग दलों या गठबंधनों की सरकारें लोगों को कोरोना महामारी से बचाने में लगी हैं, इसलिए इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. विकसित प्रदेश महाराष्ट्र में दो लाख 60 हजार से ज्यादा संक्रमित हैं और 10,482 मौतें हो चुकी हैं. जबकि बिहार में मात्र 18,853 संक्रमित हुए. जिनमें 13,019 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं. जिन 143 नागरिकों को बचाया नहीं जा सका, उनमें कुछ गंभीर बीमारियों से भी पीड़ित थे.
सुशील कुमार मोदी ने कहा की बिहार की रिकवरी रेट 69.06% है जो राष्ट्रीय स्तर से काफी बेहतर है. यह सरकार के प्रयास, कोरोना योद्धाओं के परिश्रम और जनता के सहयोग से ही संभव हुआ है.
उन्होंने कहा की एहतियात, जांच और इलाज के प्रयासों में तेजी लाकर हम अब भी कोरोना को हरा सकते हैं. लाकडाउन कोई बंदिश नहीं, बल्कि संयम से महामारी को जीतने का जज्बा दिखाने का एक ब्रेक भर है.
पटना से विवेकानंद की रिपोर्ट