नई दिल्ली। देश की राजधानी की सीमाओं पर जुटे हजारों किसानों के कारण लगभग तीन सप्ताह से आवाजाही ठप है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ताओं का कहना है जब कोर्ट ने शाहिन बाग को धरने प्रदर्शन को गलत करार दिया था, किसानों के आंदोलन को कैसे सही ठहराया जा सकता है, जबकि इसके कारण दिल्ली में जरुरी सामानों की कमी होने लगी है। बताया जा रहा है बुधवार को इन याचिका पर सुनवाई कर सकती है। अगर फैसला किसानों के खिलाफ जाता है तो निश्चित रूप से यह आंदोलन के लिए बड़ा झटका होगा।
लगभग चार माह पहले दिल्ली के शाहीन बाग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि सार्वजनिक स्थलों को अनिश्चित काल तक नहीं रोका जा सकता, इससे दूसरे लोगों के अधिकार प्रभावित होते हैं. अब किसान प्रदर्शनों के खिलाफ इसी बात को आधार बनाकर याचिका दायर की गई है। जिसमें मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से धरना- प्रदर्शन को लेकर जो फैसला दिया गया है उसे लागू कराया जाए। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि किसान संगठनो ने दिल्ली में सार्वजनिक स्थलों को घेर रखा है, जिससे आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं व्यापारियों और उद्योगपतियों का कहना है कि इन प्रदर्शनों के कारण बॉर्डर सील हैं, ऐसे में उनके कारखाने बंद होने की कगार पर है।
आज हो सकती है सुनवाई
मानसून सत्र में केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानून बनाए, जिनके विरोध में दिल्ली के तमाम बॉर्डरों पर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. अब इस प्रदर्शन को 20 दिन हो चुके हैं और इनसे होने वाली तकलीफों के चलते सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं. किसानों के धरने के खिलाफ दाखिल तीन याचिकाओं पर कल सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा.