RANCHI : राजद सुप्रीमो लालू यादव के जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में आज हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. वकील की ओर से अदालत को बताया गया कि रिम्स की लालू प्रसाद की मेडिकल रिपोर्ट अदालत में जमा कर दी गई है. लेकिन अदालत के रिकॉर्ड पर मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट नहीं होने के कारण इस मामले की सुनवाई 5 मार्च को निर्धारित की गई है. हालाँकि इस मामले को लेकर झारखण्ड हाईकोर्ट ने झिड़की लगायी है. इसके बाद कोर्ट में मौजूद रहे सरकारी अधिवक्ता ने लालू यादव को एम्स भेजे जाने के लिए गठित रिम्स के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट अगली सुनवाई पर अदालत में दोबारा दाखिल करने की बात कही. इस दौरान अदालत ने लालू प्रसाद की स्वास्थ्य के बारे में पूछा, तो लालू के अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने कहा की एम्स में इलाज के दौरान लालू के स्वास्थ्य में थोड़ा बहुत सुधार है. कहा कि लालू को 17 बीमारियां है जिनका इलाज चल रहा है.
बताते चलें की जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में 19 फरवरी को सुनवाई टल गई थी. तब लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर 4 घंटे तक चली बहस के कारण जज जस्टिस अपरेश कुमार सिंह ने समय की कमी के चलते इस मामले में नई तारीख 26 फरवरी तय कर दी थी. पिछली सुनवाई के समय झारखंड हाई कोर्ट की ओर से जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में लगातार कई बार कड़ी टिप्पणी की जा चुकी है. अदालत ने रिम्स के पेइंग वार्ड से निदेशक के केली बंगले में लालू को शिफ्ट करने पर आपत्ति जताई थी, तब कोर्ट ने पूछा था कि किसके कहने पर लालू को बंगले में शिफ्ट किया गया. इसके बाद हाई कोर्ट ने कहा कि किसी एक व्यक्ति विशेष के लिए नियम को नहीं बदला जा सकता. सरकार कानून से चलती है.
बता दें कि झारखंड हाई कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव से जुड़े जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में स्वत: संज्ञान लिया था. तब लालू यादव पर यह आरोप लगे थे कि उन्होंने जेल कस्टडी में रहते हुए बिहार के भाजपा विधायक ललन पासवान को फोन कर बिहार में मंत्री बनाने का लालच दिया था और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार गिराने की कोशिश की थी. उस समय बिहार-झारखंड से लेकर देशभर में लालू के फोन कॉल विवाद पर बवाल मच गया था. इस मामले में भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी, ललन पासवान ने थाने में एफआइआर भी दर्ज कराई थी.