न्यूज़ 4 नेशन डेस्क : कश्मीर घाटी में बड़े स्तर पर हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों को फंडिंग करने वाले पर जमात-ए-इस्लामी पर कार्रवाई शुरू हो गई है. उन पर शिकंजा कसने के लिए उसके कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है. इसके साथ ही साथ UAPA प्रॉपर्टी और एसेट्स प्रोविजन के तहत जम्मू और कश्मीर में उसकी जुटाई गई 52 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति सील करने को लेकर 70 जगहों को चिन्हित किया गया है. जिसमें कई शैक्षणिक संस्थाएं, दफ्तर और स्कूल शामिल है.
बताया जाता है कि जमात-ए-इस्लामी संगठन को पहले भी दो बार तिबंधित किया जा चुका है. पहली बार जम्मू- कश्मीर सरकार ने इस संगठन को 1975 में दो साल के लिए प्रतिबंधित किया था तो वहीं दूसरी बार केंद्र सरकार ने ऐसे तीन साल के लिए 1990 में इसे प्रतिबंधित किया था. खबर के मुताबिक जमात-ए-इस्लामी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकियों को कश्मीर घाटी में बड़े स्तर पर फंडिंग करता था. जिसकी जानकारी के बाद गृह मंत्रालय ने कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की बैठक के बाद इसपर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है.
जमात-ए-इस्लामी जम्मू कश्मीर का मिलिटेंट विंग है. यह जम्मू कश्मीर में अलगाववादी विचारधारा और आतंकवादी मानसिकता के प्रसार के लिए प्रमुख जिम्मेदार संगठन है. आतंककी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन को जमात-ए-इस्लामी जम्मू कश्मीर ने ही खड़ा किया है. हिज्बुल मुजाहिदीनको इस संगठन ने हर तरह की सहायता की. ये संगठन अलगाववादी, आतंकवादी तत्वों का वैचारिक समर्थन करता है.