पटना। जमीन की खरीद बिक्री से जुड़े हर काम कोऑनलाइन करने वाला बिहार देश का पहला राज्य बन गया है। यह जानकारी सूबे के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने विधानसभा की कार्रवाई के दौरान दी। उन्होंने कहा कि इससे आम नागरिकों को काफी फायदा मिला है और दस्तावेजों के डिजिटाइजेशन और ऑनलइन प्रक्रिया के चलते जमीन की खरीद-बिक्री में फर्जीवाड़ा भी पूरी तरह खत्त्म हो जायेगा. वह राजस्व विभाग के बजट पर बहस करते हुए कांग्रेस के विजय शंकर दुबे के सवालों का जवाब दे रहे थे वहीं राजद के भूदेव चौधरी ने कहा लाखों भूमिहीन परिवार सरकार की ओर से दी गई जमीन से बेदखल हो रहे हैं. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि जमीन से जुड़ी समस्या पर ध्यान दें।
78 फीसदी मामलों का निबटारा समय पर
मंत्री ने बताया कि अब विभाग में आए 78 प्रतिशत से अधिक मामलों का समय पर ही निबटारा हो जा रहा है। दो मार्च तक साढ़े सात लाख लोगों ने सुधार के लिए आवेदन दिया था जिसमें साढ़े चार लाख से अधिक मामलों का निबटारा कर दिया गया है. अंचल कार्यालय से अब ऑनलाइन एलपीसी दिए जा रहे हैं। वहीं मंत्री ने सदन को बताया कि देश में भू अभिलेखन के डिजिटाइजेशन और आधुनिकीकरण के कार्यों का सालाना मूल्यांकन करने वाली एजेंसी NCEAR ने बिहार को देशभर में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिए नंबर 1 रैंकिंग दिया है।
विभाग के लिए 12 अरब का बजट
वहीं विधानसभा में विभागीय बजट पेश करने के बाद ध्वनिमत से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का 12 अरब रुपये से अधिक का बजट पारित किया गया। बिहार सरकार के मंत्री ने कहा कि दिसम्बर 2017 से राज्य के सभी अंचलों में ऑनलाइन दाखिल-खारिज की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिसके कारण अब दाखिल-खारिज में गड़बड़ी की शिकायतें कम हो गई है।