गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के लिए सोमवार को ऐतिहासिक बदलाव की पेशकश की। उन्होंने यहां से अनुच्छेद 370 हटाने की सिफारिश की। इस बदलाव को राष्ट्रपति की ओर से मंजूरी दे दी गई है। बसपा की ओर से भी इसे समर्थन दे दिया गया है। दूसरी ओर बीजेपी की सहयोगी पार्टी जेडीयू ने सरकार के फैसले पर असहमति जताई।
राज्यसभा में जेडीयू के रामनाथ ठाकुर ने कहा कि हम इस बिल का बहिष्कार करते हैं। 70 वर्षों में क्या खोया, क्या पाया, न एससी, ओबीसी को आरक्षण मिला। हमारा मानना है कि इस मामलों को न्यायिक प्रक्रिया का रुख करना चाहिए। राष्ट्रवाद के नाम पर हम एक हैं लेकिन हम सशर्त इस बिल का बहिष्कार करते हैं।
जेडीयू के केसी त्यागी ने कहा कि हमारे प्रमुख नीतिश कुमार जेपी नारायण, राम मनोहर लोहिया व जार्ज फर्नांडीस की परंपरा को आगे ले जा रहे हैं। इसलिए पार्टी विधेयक का समर्थन नहीं करती है। हमारी सोच अलग है। हम नहीं चाहते हैं कि अनुच्छेद 370 हटाया जाए।