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जानिए कैसे ऑस्कर की रेस में पहुंची विद्या बालन की फिल्म नटखट

जानिए कैसे ऑस्कर की रेस में पहुंची विद्या बालन की फिल्म नटखट

डेस्क... कुछ फिल्में ऐसे होती हैं जिनपर बहुत पैसा खर्च होता है, फिल्म को बड़े स्क्रीन ,मल्टीप्लेक्स और थियेटरों में रिलीज़ किया जाता है तब जाकर उसे दर्शकों का प्यार मिलता है और वह सुर्खियां बटोरती हैं, तो वही  कुछ ऐसी फिल्में होती हैं, जिसके मेकिंग में ज्यादा खर्च नहीं होता और इसे मामूली डिजिटल स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर रिलीज़ किया जाता है. फिर भी उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा जाता हैं, ऐसी ही एक फिल्म है विद्या बालन की 'नटखट',  जिसे पिछले साल रिलीज़ किया गया था और अब यह फिल्म ऑस्कर में अपनी जगह बनाने के लिए तैयार है. 

ऑस्कर से पहले,  फिल्म नटखट ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर  भी अपना डंका बजवाया हैं. यह कई अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में वर्चुअली स्क्रीनिंग में शामिल हो चुकी है इसे बेस्ट ऑफ इंडिया शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल से भी नवाज़ा जा चुका है. फिल्म जर्मन स्टार ऑफ इंडिया का भी अवॉर्ड जीत चुकी है. साउथ एशियन फिल्म फेस्टिवल ऑरलैंडो और मेलबर्न में इंडियन फिल्म फेस्टिवल जैसे बड़े मंचों पर ये फिल्म दिखाई जा चुकी है. साल 2020 में जब पूरा देश कोरोना महामारी की चपेट में था, सिनेमाहॉल बंद थे और फिल्मों की शूटिंग रुकी हुई थी ऐसे समय में नटखट को यू-ट्यूब पर रिलीज़ किया गया था. 

अब ये फिल्म ऑस्कर 2021 में बेस्ट शार्ट फिल्म  की कैटोगरी के रेस में शामिल हो गई है. फिल्म के ऑस्कर में जाने से, विद्या बालन और उनकी पूरी  टीम फूली नहीं समां रही हैं. एक्ट्रेस ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर ‘नटखट’ का एक पोस्टर और वीडियो  भी शेयर किया है जिसके साथ उन्होंने अपनी खुशी का इज़हार किया है. एक्ट्रेस ने फिल्म का पोस्टर शेयर करते हुए लिखा ‘बहुत बहुत बहुत ही ज्यादा रोमांचित हूं यह देखकर कि ‘नटखट’ ऑस्कर 2021 की रेस में शामिल हो गई है. अपनी दूसरे पोस्ट में विद्या ने फिल्म का एक छोटा सा क्लिप शेयर कि है जो ‘नटखट’ की कहानी को बयां कर रहा है. वीडियो में दिख रहा है कि विद्या बालन अपने बच्चे के सिर पर मालिश कर रही हैं और उसके साथ बातचीत कर रही है, सीन की शुरुआत मासूमियत भरे शब्दों के साथ होती है, लेकिन जल्द ही यह  एक अजीब और चिंताजनक विषय में तब्दील हो जाती है.

बेटे पर पितृसत्तामक सोच हावी है . जब बच्चा ये बताता है कि लड़की को सबक सिखाने के लिए जंगल में छोड़कर चले आना चाहिए . यही लड़कियों को सबक सिखाने का सही तरीका है. बच्चे की बात सुनकर विद्या चिंता में आ जाती हैं और कुछ सोचने पर मजबूर हो जाती हैं. ऑस्कर के साथ एक बड़े लक्ष्य पर अपनी नज़रे बनाये हुए, इस शार्ट फिल्म में लैंगिक-समानता के ज्वलंत मुद्दे को पेश किया गया है जिसे फिल्म में बहुत बेहतरीन ढंग से दिखाया गया है. संवाद भी दिल को छू जाने वाले है. फिल्म के डायरेक्टर शान व्यास हैं और इसे प्रोड्यूसर किया है रोनी स्क्रूवाला ने फिल्म को 2 जून, 2020 में रिलीज़ किया गया था.

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