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जानिए क्यों हाई कोर्ट की जज पुष्पा गनेडीवाला को भेजा कंडोम के पैकेट?

जानिए क्यों हाई कोर्ट की जज पुष्पा गनेडीवाला को भेजा कंडोम के पैकेट?

डेस्क... आप को हम एक बहुत ही अजीबो गरीब खबर बताने जा रहें हैं जहां जज को भेजा कंडोम के पैकेट जी हां  जस्टिस पुष्पा गनेडीवाला तो आपको याद होंगी. इन्होंने यौन शोषण के मामलों की सुनवाई के दौरान दो विवादित फैसले सुनाए थे. एक में कहा था कि 12 साल की बच्ची का टॉप उतारे बिना उसके ब्रेस्ट को छूना पोस्को के तहत अपराध नहीं है, वहीं दूसरे फैसले में कहा था बच्ची का हाथ पकड़कर पैंट की चेन खोलना POCSO के अंदर नहीं आता. इसी फैसले के विरोध में गुजरात की एक महिला ने जज साहिबा के दफ्तर पर 150 कंडोम का एक पैकेट भेजा है. 

जज साहिबा को कंडोम भेजने वाली महिला का नाम देवश्री त्रिवेदी है. देवश्री गुजरात के अहमदाबाद की रहने वाली हैं और खुद को राजनीतिक विश्लेषक बताती हैं. इनका एक यूट्यूब चैनल भी हैं. उनसे हमने कंडोम का पैकेट भेजने की वजह पूछी, तो उन्होंने बताया, देवश्री ने कहा कि जस्टिस पुष्पा को उन्होंने इन पैकेट्स के साथ एक लेटर भी भेजा है, जिसमें उन्होंने कॉन्डम का चित्र बनाया है और कहा कि वह कोई भी अपशब्दों का प्रयोग नहीं कर रही हैं. देवश्री का कहना है कि एक महिला के नाते उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है. उनके मुताबिक, महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना होगा. और उनकी मांग है कि जल्द से जल्द पुष्पा गनेडीवाला को उनके पद से निलंबित किया जाना चाहिए. 

वहीं, इंडिया टुडे से जुड़ी संवाददाता विद्या की रिपोर्ट के मुताबिक, नागपुर बेंच के रजिस्ट्री ऑफिस ने कहा है कि अभी तक उनके यहां इस प्रकार का कोई भी पैकेट नहीं पहुंचा है. और नागपुर बार एसोसिएशन के वकील श्रीरंग भंडारकर ने के मुताबिक, ये अवमानना का केस है और इस हरकत के लिए महिला के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.पुष्पा गनेडीवाला महाराष्ट्र के अमरावती की रहने वाली हैं. 2007 में वह जिला जज बनी थीं. इसके बाद नागपुर में मुख्य जिला और सेशन जज बनीं. और फिर बॉम्बे हाईकोर्ट की रजिस्ट्रार जनरल नियुक्त की गईं. फरवरी 2019 में उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट में अस्थाई जज बनाया गया. इसके बाद जनवरी 2019 में उन्हें हाईकोर्ट का अतिरिक्त जज नियुक्त करने की सिफारिश की गई. इस विवाद के बाद अगर पुष्पा गनेडीवाला हाईकोर्ट में स्थाई जज नहीं बनती हैं, तो उन्हें रिटायरमेंट तक जिला जज के रूप में ही काम करना होगा.ये विद्रोह करने का नया तरीका है. 

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