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जननायक कर्पूरी ठाकुर को मिला भारत रत्न, सीएम नीतीश की मौजूदगी में जदयू सांसद ने प्राप्त किया सम्मान

जननायक कर्पूरी ठाकुर को मिला भारत रत्न, सीएम नीतीश की मौजूदगी में जदयू सांसद ने प्राप्त किया सम्मान

पटना/ दिल्ली. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर को देश के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया. शनिवार को दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में समारोह आयोजित किया गया जिसमें देश के 5 विभूतियों को यह सम्मान मिला. बिहार के लिए भी आज का दिन ऐतिहासिक हुआ. पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत मिले भारत रत्न सम्मान को उनके पुत्र सह जदयू सांसद रामनाथ ठाकुर ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से प्राप्त किया. इस समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व दोनों उपमुख्यमंत्री वगैरह भी शामिल हुए. कुल 5 विभूतियों को यह सम्मान मिला है.

इस दौरान भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर के बेटे राम नाथ ठाकुर ने कहा, "मैं बहुत प्रसन्न हूं. भारत सरकार ने उनके काम को स्वीकार किया और उन्हें यह पुरस्कार दिया. मैं पूरे देश की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करता हूं।" दरअसल, राष्ट्रपति ने कर्पूरी ठाकुर के साथ ही 4 विभूतियों को सम्मानित किया है. वहीं पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी को उनके घर जाकर यह सम्मान दिया जाएगा. कर्पूरी ठाकुर बिहार में बड़े सामाजिक बदलावों के नायक रहे. उन्होंने अपने शासनकाल के दौरान कई ऐसे निर्णय लिए जिसका असर समाज में पिछड़े और दलित वर्गों के उत्थान की दिशा में नजीर बने. 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने श्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया। वंचित लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अथक प्रयास करने वाले श्री कर्पूरी ठाकुर ने बहुत सम्मान अर्जित किया था और लोगों ने उन्हें 'जन-नायक' का दर्जा दिया था। श्री कर्पूरी ठाकुर एक स्वतंत्रता सेनानी थे, तथा समानता और समावेशी विकास के प्रबल पक्षधर थे। वे अपने जीवन की सादगी और निःस्वार्थ कार्यों के लिए जाने जाते थे। स्वर्गीय श्री कर्पूरी ठाकुर की ओर से भारत रत्न उनके पुत्र श्री रामनाथ ठाकुर ने प्राप्त किया। 

वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंह राव को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया। राष्ट्रपति की ओर से सोशल मीडिया पर कहा गया, भारत के नौवें प्रधान मंत्री के रूप में, श्री पी. वी. नरसिंह राव ने दूरगामी आर्थिक सुधारों का नेतृत्व किया था। अपनी युवावस्था में, उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में, विशेषकर निज़ामशाही के दौरान हैदराबाद में कुशासन और उत्पीड़न के विरुद्ध, संघर्ष किया था। अनेक भाषाओं और साहित्यों पर उनका अधिकार सर्वविदित था। स्वर्गीय श्री पी. वी. नरसिंह राव की ओर से भारत रत्न उनके पुत्र श्री पी. वी. प्रभाकर राव ने प्राप्त किया।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पूर्व प्रधान मंत्री चौधरी चरण सिंह को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया। चौधरी चरण सिंह में देशभक्ति की भावना प्रबल थी। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा था। जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार में उनके योगदान को तथा अर्थव्यवस्था, विशेषकर ग्रामीण और कृषि अर्थव्यवस्था की उनकी गहरी समझ को, सम्मानपूर्वक याद किया जाता है। किसानों से उनका जुड़ाव अद्भुत था। स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह की ओर से भारत रत्न उनके पौत्र श्री जयंत चौधरी ने प्राप्त किया।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया। डॉ. स्वामीनाथन ने भारत को खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में प्रमुख भूमिका निभाई थी। उन्हें 'भारत की हरित क्रांति के जनक' के रूप में जाना जाता है। कृषि से जुड़े प्रत्येक आयाम पर अपनी असाधारण समझ के साथ, उन्होंने अनुसंधान, शिक्षा और नई किस्मों तथा विधियों के विकास के लिए अनेक अभियानों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने अपना पूरा जीवन सभी के लिए भोजन और पोषण सुरक्षा के लक्ष्य के लिए समर्पित कर दिया। वह "सर्वदा-हरित क्रांति" के दृष्टिकोण के साथ सस्टेनेबल एग्रीकल्चर को बढ़ावा देने हेतु कार्यरत थे। स्वर्गीय डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन की ओर से भारत रत्न उनकी बेटी डॉ. नित्या राव ने प्राप्त किया।  


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