PATNA : बिहार में सत्तारुढ़ जदयू ने रविवार को
पूर्वोत्तर के एक राज्य में दस्तक दी। इस प्रांत की राजधानी में जदयू की बैठक हुई और नया
प्रदेश कार्यालय खोला गया। इस खूबसूरत
प्रांत का नाम है मणिपुर। नीतीश कुमार अपने दल, जदयू को राष्ट्रीय पार्टी की
मान्यता दिलाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। इसी मकसद से उन्होंने कर्नाटक में
विधानसभा का चुनाव लड़ा था। किसी भी दल को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता पाने के लिए कम
से कम चार राज्यों में न्यूनतम छह फीसदी वोट हासिल करने होते हैं। कर्नाटक में हार
या जीत से अधिक जदयू के लिए नुमाइंदगी जरूरी थी। कर्नाटक में जदयू ने 27 उम्मीदवार
उतारे थे जिसमें सभी की हार हुई थी। जदयू 2019 में अब मणिपुर से लोकसभा चुनाव
लड़ने की तैयारी कर रहा है।
जदयू अब मणिपुर में अपनी मौजूदगी दर्ज कराना चाहता है। पूर्वोत्तर के एक अन्य राज्य नगालैंड में जदयू ने खाता खोल दिया है। मोनडेमो होमसी नगालैंड में जदयू के इकलौते विधायक हैं और राज्य सरकार में मंत्री भी है। जदयू ने मणिपुर के पूर्व मंत्री पाओ टाइथू को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव के सी त्यागी, सांसद हरिवंश और राष्ट्रीय सचिव अफाक अहमद मणिपुर में पार्टी के विस्तार के लिए काम कर रहे हैं।
के सी त्यागी के मुताबिक मणिपुर में बहुत पहले समाजवादी पार्टी को कामयाबी मिल चुकी है। 1952 में यहां समाजवादी दल का उम्मीदवार जीत चुका है। जेपी और लोहिया का यहां प्रभाव रहा है। इसके पहले जदयू गुजरात में विधानसबा का चुनाव लड़ चुका है। वहां भी जदयू की करारी हार हुई थी। जदयू अन्य राज्यों में इस लिए चुनाव लड़ता है ताकि वह राष्ट्रीय पार्टी की पात्रता हासिल कर सके। नीतीश कुमार की दिली इच्छा है कि जदयू क्षेत्रीय पार्टी से ऊपर उठ कर राष्ट्रीय पार्टी बन जाए।