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होली की छुट्टी को लेकर जदयू में दो फाड़,केके पाठक के समर्थन में उतरे शिक्षा मंत्री सुनील कुमार तो नीरज ने निर्णय को बताया गलत

होली की छुट्टी को लेकर जदयू में दो फाड़,केके पाठक के समर्थन में उतरे शिक्षा मंत्री सुनील कुमार तो नीरज ने निर्णय को बताया गलत

पटना- होली के दिन आवासीय प्रशिक्षण के नाम पर 19 हजार से अधिक प्राइमरी शिक्षकों को बुला कर केके पाठक एक बार विवादों में घिर गए हैं. 24 मार्च की शाम तक आवासीय प्रशिक्षण के लिए शिक्षकों को रिपोर्टिंग करनी थी. जो इसमें शामिल नहीं हुए उनके एक सप्ताह का वेतन काटने का निर्देश जारी कर दिया गया.होली की छुट्टी कटने से नाराज शिक्षकों ने तमाम राजनीतिक दलों के साथ भाजपा और नीतीश को घेरा है. शिक्षकों का कहना है की जो भाजपा पहले शिक्षा विभाग के आदेश को तालिबानी बताती थी वह सत्ता में आने के बाद मौन हो गई है. होली की छुट्टी खत्म करना भाजपा को आज हिंदू विरोधी क्यों नहीं लग रहा है.शिक्षकों ने तो अपने को बंधुआ मजदूर तक कहा है.

शिक्षा मंत्री केके पाठक के समर्थन में उतरे

होली के दिन शिक्षकों की छुट्टी रद्द होने पर सरकार के सहयोगी दल केके पाठक की कार्यशैली पर आपत्ति जता रहे हैं, वहीं शिक्षा मंत्री सुनील कुमार  शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक  के समर्थन में उतर गए हैं. शिक्षा मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि सरकार शिक्षकों की रेसिडेंसियल ट्रेनिंग कराती है. पुलिस महकमें में भी ट्रेनिंग जारी थी, बिपार्ड में भी ट्रेनिंग जारी थी और एससीआऱटी की ट्रेनिंग भी जारी थी. उन्होंने कहा कि शिक्षकों के अधिकारों का हनन नहीं हुा है. बिहार में कुल मिलाकर लगभग 6 लाख शिक्षक हैं और हमलोगों की जो ट्रेनिंग की व्यवस्था है वह 15 हजार के करीब सभी जिलों को मिलाकर के है. उन्होंने कहा कि राज्य में 6 लाख में से मात्र 12-13 हजार शिक्षकों की ट्रेनिंग चल रही थी. अगर 6 लाख टीचर्स की ट्रेनिंग करनी है, तो एक-एक सप्ताह की ट्रेनिंग सभी को करानी होगी. तभी जाकर सभी शिक्षकों की ट्रेनिंग पूरी हो सकेगी.

शिक्षकों के पास नहीं है कोई विशेषाधिकार

शिक्षा मंत्री ने कहा कि त्योहारों के दिन ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में ट्रेनिंग नहीं होती है, लेकिन शिक्षकों की ट्रेनिंग के लिए जो समय निर्धारित है, हम लोग भी पुलिस बैकग्राउंड से आते हैं. यह किसी के अधिकारों के हनन की चीज नहीं है. कैसे शिक्षा की गुणवत्ता के बढ़ाया जाए, इसपर सभी को एकमत होकर काम करने की जरुरत है. शिक्षा विभाग सिर्फ शिक्षकों के लिए ही नहीं है, बल्कि छात्र-छात्राओं के लिए भी है. हमें सबको देखना होगा. छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, इसके लिए शिक्षा विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है. किसी के पास कोई विशेषाधिकार नहीं है. सबकुछ कानून और नियम के तहत हो रहा है.

हर दल ने पाठक के निर्ण का किया था विरोध

जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज ने शिक्षा मंत्री के बयान से उलट बयान देते हुए कहा था कि किसी को भी बिना पृच्छा के वेतन काटने का अधिकार नहीं है. उन्होंने होली के दिन स्कूल खोलने को गलत बताया था. नीरज ने कहा कि  आईएएस-आईपीएस और शिक्षा विभाग की छुट्टी क्यों नहीं रद्द की गई. इधर भाजपा भी पाठक के निर्णय का विरोध कर रही थी. तो तेजस्वी ने इस पर शिक्षकों के पक्ष में तल्ख बयान दिया था.

विवाद का कहां होगा अंत

केके पाठक के शिक्षा विभाग का अपर मुख्य सचिव बनने के बाद स्कूल की छुट्टी को लेकर विवाद होता रहा है. स्कूल के समय को लेकर भी हंगामा हुआ तो सीएम ने हस्तक्षेप कियाा था. अब होली की छुट्टी के दिन शिक्षकों के प्रशिक्षण का मामला तूल पकड़ रहा है. शिक्षकों के साथ तमाम राजनीतिक दल विरोध कर रहे हैं तो जदयू के कोटे के मंत्री और पूर्व आईपीएस सुनील कुमाल केके पाठक के समर्थन में उतर आए हैं. अब देखना होगा इस मामले का अंत कहां होता है. 


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