PATNA – बिहार में
विधानसभा चुनाव भले ही 2020 में होने हों लेकिन 2019 के पहले किसी भी सियासी संकट
से निपटने के लिए जदयू ने तैयारी शुरू कर दी है. यही वजह है की जदयू लगातार अपने
संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने पर फोकस कर रहा है. जदयू ने अबतक अपने 28
प्रकोष्ठों की बैठक बुलाकर संगठन और चुनावी मैनेजमेंट पर चर्चा की है.
इलेक्शन मोड में क्यूँ आया जदयू ?
2019 के आम चुनावों और सहयोगी दल भाजपा की तैयारी को देखकर
जदयू की बेचैन बढ़ी है. जम्मू – कश्मीर में भाजपा ने जिस तरह पीडीपी को झटका दिया उसके बाद
से जदयू सकते में है. जदयू ने पहले से ही कलेंडर तय कर प्रकोष्ठों की बैठक की
तारीख तय कर रखी थी लेकिन पार्टी सूत्रों की माने तो पहले बैठक का एजेंडा दलीय
स्तर पर चलाया जा रहा सामाजिक सुधर कार्यक्रम था लेकिन बदलते राजनीतिक माहौल में
बैठक का एजेंडा भी बदल गया. हालिया बैठकों में पार्टी के अन्दर नेटवर्किंग और बूथ
स्तर की तैयारियों पर फोकस किया जा रहा है.
आरसीपी सिंह संभाल रहे कमान
जदयू के इलेक्शन मोड में आने के बाद नीतीश कुमार के बेहद
ख़ास और पॉलिटिकल मैनेजर कहे जाने वाले राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह ने पूरी
तैयारी की कमान संभाल रखी है. आरसीपी सिंह हर दिन लगभग आधा दर्जन प्रकोष्ठों की
बैठक में शामिल हो रहे हैं. अपने नेताओं – कार्यकर्ताओं को लगातार यह बता रहे हैं कि कैसे वह खुद को
चुनाव के लिए तैयार रखें. बैठकों में जिला स्तरीय सम्मेलनों का खाका तैयार किया जा
रहा है.
क्या है जदयू का मकसद ?
पिछले साल दिसंबर के महीने में भी जदयू का मैराथन प्रशिक्षण
शिविर चला था. लगभग एक महीने तक आरसीपी सिंह ने मुख्यमंत्री आवास में बैठक कर अपने
नेताओं और सक्रिय कार्यकर्ताओं को पार्टी की तरफ से चलाये जा रहे सामाजिक अभियान
को सफल बनाने का होम वर्क दिया था। लेकिन अब अन्दरुनी बैठकों का एजेंडा बदल गया
है. जदयू की तैयारी इस बात का एहसास करा रही है की वह भाजपा से मिलने वाले किसी भी
अप्रत्याशित झटके से निपटने के लिए खुद की तैयार रखने की कोशिश कर रहा है.