PATNA : बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी एक्टिव नजर आ रहे हैं। नीतीश कुमार ने जिस तरह से सरकार से भाजपा को अलग किया, उसके बाद सुशील मोदी अपने पुराने साथी पर हमलावर हैं। वहीं सुशील मोदी पर भी पलटवार किया जा रहा है। एक दिन पहले नीतीश कुमार ने कहा कि वह खुद अपनी पार्टी में दरकिनार कर दिए गए हैं, मेरे खिलाफ बोलकर शायद उनका कुछ भला हो जाए। वहीं मुख्यमंत्री के बाद जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने भी सुशील मोदी को आड़े हाथ लिया है। उन्होंने बता दिया कि क्यों सुशील मोदी को न सिर्फ बिहार के डिप्टी सीएम के पद से हटाया गया, बल्कि पार्टी में किनारे कर दिया गया।
सुशील जी,
— Rajiv Ranjan (Lalan) Singh (@LalanSingh_1) August 12, 2022
आपका बयान देखकर घोर आश्चर्य हुआ..! जिस व्यक्ति का ग्रह-नक्षत्र खुद खराब हो और नीतीश जी से अच्छे रिश्तो के कारण खुद हाशिए पर ला दिए गए हों वैसे नेता के यहां नीतीश जी को उपराष्ट्रपति बनाने के लिए कोई जाये, यह अपने-आप में हास्यास्पद और सरासर झूठ है। 1/2
नीतीश कुमार से दोस्ती को बताया वजह
ललन ने कहा सुशील मोदी को सिर्फ इसलिए उनकी पार्टी ने किनारे कर दिया था क्योंकि उनकी नीतीश कुमार से अच्छी दोस्ती थी। उन्होंने सुशील मोदी के बयान को लेकर अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि ‘आपका बयान देखकर घोर आश्चर्य हुआ..! जिस व्यक्ति का ग्रह-नक्षत्र खुद खराब हो और नीतीश जी से अच्छे रिश्तो के कारण खुद हाशिए पर ला दिए गए हों वैसे नेता के यहां नीतीश जी को उपराष्ट्रपति बनाने के लिए कोई जाये, यह अपने-आप में हास्यास्पद और सरासर झूठ है।‘
उपराष्ट्रपति बनने को बताया गलत
ललन सिंह ने सुशील मोदी के उस बयान को भी खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति बनना चाहते हैं। जदयू अध्यक्ष ने लिखा कि ‘नीतीश जी कभी ना राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे और ना ही उपराष्ट्रपति उपराष्ट्रपति पद के..! यदि ऐसे ही बयान देने से बीजेपी नेतृत्व को खुश कर के आप पुनर्वासित हो जाते हैं, तो हमलोगों की शुभकामनाएं आपके साथ है...हो जाइए।‘
बता दें कि 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद सुशील मोदी को उप मुख्यमंत्री के पद से हटा दिया गया था और बाद में उन्हें राज्य सभा भेज दिया गया। उस समय भी राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा हुई थी कि नीतीश कुमार से गहरी दोस्ती के कारण ही सुशील मोदी को भाजपा ने बिहार से दूर किया है।