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सम्राट अशोक के अपमान पर जदयू के तेवर हुए और ज्यादा तल्ख, भाजपा पर नीरज कुमार ने दागे सवालों के गोले

सम्राट अशोक के अपमान पर जदयू के तेवर  हुए और ज्यादा तल्ख, भाजपा पर नीरज कुमार ने दागे सवालों के गोले

पटना. सम्राट अशोक की तुलना मुग़ल शासक औरंगजेब से करने वाले लेखक और नाटककार दया प्रकाश सिन्हा से पद्म पुरस्कार सहित अन्य पुरस्कार वापस लेने की जदयू की मांग को भाजपा नेताओं द्वारा दरकिनार करने पर बिहार की राजनीती गरमाई हुई है. जदयू के मुख्य प्रवक्ता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने भाजपा नेताओं के रवैये पर कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने भाजपा का नाम लिए बिना हालिया घटनाक्रम पर सवाल किया है कि प्रियदर्शी अशोक सम्राट के खिलाफ टिप्पणी करने वाले को केन्द्रीय कला एवं संस्कृति  मंत्रालय भारत सरकार ‘सम्राट अशोक’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार 2021 देती हैं. यह अपमान नहीं तो क्या हैं. 

नीरज कुमार ने गुरुवार को ट्वीट कर इस मुद्दे पर भाजपा नेताओं की चुप्पी को आड़े हाथों लिया. उन्होंने दया प्रकाश सिन्हा को हाल के वर्षों में केंद्र सरकार से मिले पुरस्कारों का विवरण पेश करते हुए लिखा है, अपमान नहीं तो क्या है. पुरस्कार की वापसी की मांग न करना मौन सहमति. अवार्ड वापसी की मांग करें.  

भाजपा से सम्बद्ध लेखक दया प्रकाश सिन्हा ने हाल ही में सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से की थी. उन्होंने सम्राट अशोक को क्रूर, कामुक, कुरूप बताते हुए कहा था कि इतिहास से सम्राट अशोक के जीवन के स्याह पक्ष की कम चर्चा की गई. सिन्हा की यह टिप्पणी बिहार के जदयू नेताओं को नागवार गुजरी है. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने सिन्हा की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस प्रकरण में सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं. राष्ट्रपति से यह अनुरोध करते हैं कि ऐसे व्यक्ति को मिले पद्मश्री और अन्य पुरस्कार रद्द करें. भाजपा इन्हें निष्कासित करे। वृहत अखंड भारत के एकमात्र चक्रवर्ती सम्राट प्रियदर्शी अशोक मौर्य का स्वर्णिम काल मानवता व लोकसमता के लिए विश्वभर में जाना जाता है. सम्राट अशोक बिहार व भारत के अमिट प्रतीक थे और हैं.  कोई इससे खिलवाड़ करे यह सच्चे भारतीय कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे. इसी प्रकार वरिष्ठ जदयू नेता उपेन्द्र कुशवाहा ने भी भाजपा से दया प्रकाश सिन्हा पर कार्रवाई करने की मांग की. 

हालाँकि ललन सिंह और उपेन्द्र कुशवाहा की आपत्तियों को नजरंदाज करते हुए बिहार भाजपा के अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने बिना नाम लिये ललन सिंह एवं उपेन्द्र कुशवाहा को ‘राजनीतिक भस्मासुर’ कह दिया. उन्होंने कहा, बिहार में भी एनडीए सरकार की मजबूती और अनुशासन के कारण कुछ ‘ख़ास नेताओं’ को मनमुताबिक मेवा नहीं मिल रहा है. यही वजह है कि यह लोग किसी न किसी मुद्दे पर लगभग रोजाना ही अलग-अलग विषयों पर एनडीए को बदनाम करने के अपने एकसूत्री एजेंडे पर कार्यरत रहते हैं. इसी तरह पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने भी जदयू की आपत्तियों को गैरजरूरी बताया. 

भाजपा के इस रवैये को जदयू ने बिहार की अस्मिता से जोड़ा है. ललन सिंह, उपेन्द्र कुशवाहा के साथ ही जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने बिहार भाजपा के अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल को आड़े हाथों लिया और उनके खिलाफ ट्विटर पर जमकर भड़ास निकाली. वहीं अब नीरज कुमार ने भाजपा से सवाल किया है जो लोग बिहार की गरिमा, अस्मिता और सम्मान के प्रतीक रहे सम्राट अशोक का अपमान कर रहे हैं उन्हें भाजपा नीत केंद्र सरकार पुरस्कृत कर रही है.  


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