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JHARKHAND NEWS: 25 दिन वेंटिलेटर पर और करीब दो माह तक आइसीयू में भर्ती रहने के बाद मरीज ने दी कोरोना को मात, बिहार का है मरीज

JHARKHAND NEWS: 25 दिन वेंटिलेटर पर और करीब दो माह तक आइसीयू में भर्ती रहने के बाद मरीज ने दी कोरोना को मात, बिहार का है मरीज

रांची: रांची सदर अस्पताल के डॉक्टरों की मेहनत व लगन की बदौलत एक परिवार के चेहरे पर खुशियां लौट आयी हैं। दरअसल इस अस्पताल में सबसे ज्यादा 57 दिन तक एडमिट रहने के बाद मरीज ने कोरोना को मात दी है। मरीज ने अपने जीवन बचाने वाले सभी लोगों को धन्यवाद दिया है।

बिहार का रहने वाला है मरीज

मिली खबर के अनुसार बिहार के नवादा जिले के निवासी और मुंगेर में पोस्टेड रेल कर्मी 34 साल के पुरुषोत्तम कुमार का कोविड 19 रिपोर्ट गत 22 अप्रैल को पॉजिटिव आया, जिसके बाद वह 27 अप्रैल को नवादा के एक अस्पताल में एडमिट हुए। अस्पताल में उनका सीटी स्कैन रिपोर्ट 17/25 आया। पुरुषोत्तम 30 अप्रैल तक वहां एडमिट रहे। उस दौरान उनको प्रतिदिन दो से तीन लीटर ऑक्सीजन की जरूरत होती थी। 30 अप्रैल के बाद उनका ऑक्सीजन लेवल गिरने लगा तथा बुखार लगातार रहता था। तब नवादा के डॉक्टरों ने ज्यादा ऑक्सीजन के इंतजाम में दिक्कत होने के बाद उनको किसी हायर सेंटर में जाने की सलाह दी। 

प्राइवेट अस्पताल में हुए एडमिट

पुरुषोत्तम के परिजनों ने अपने परिचित के माध्यम से रांची के एक प्राइवेट अस्पताल में उनको एडमिट कराया। यहां पर ऑक्सीजन मिलने में किल्लत तो हो ही रही थी, रोज का खर्च भी बीस से पच्चीस हजार के करीब बैठ रहा था। उसी वक्त उनको सदर अस्पताल में कोविड-19 ICU में  Duty पर तैनात डॉक्टर अजीत के बारे में जानकारी मिली। जिनसे संपर्क करने के बाद पुरुषोत्तम को दो मई को सदर अस्पताल के आइसीयू में एडमिट कराया गया और तुरंत रेमडेसीविर और अन्य जरूरी दवाइयां शुरू की गई। शुरुआती दिनों में कुछ सुधार के बाद उनके स्वास्थ्य में दोबारा गिरावट आने लगीं। इसके बाद उन्हें नॉन इंवेसीव वेंटिलेटर पर डालना पड़ा। जिस पर वह कम से कम 25 दिन तक रहे।

डॉक्टरों ने की अथक मेहनत

खबर के अनुसार पुरुषोत्तम को तुरंत ABG जांच कराने की जरूरत थी जोकि सदर अस्पताल में उस समय नहीं हो रहा था। इसके बाद तुरंत प्राइवेट से जांच कराया गया और उसी अनुसार दवा चलायी गयी। डॉक्टरों के अनुसार आईसीयू के डॉक्टर रात 3-4 बजे तक उस केस को लेकर चिंतित रहें और डिस्कस करते रहे और अंततः परिश्रम का सुखद फल मिला और तीन दिन की मेहनत के बाद मरीज का ऑक्सीजन लेवल दोबारा 90 के उपर आने लगा। इसके बाद पुरुषोत्तम को  NIV से हटाकर हाई फ्लो ऑक्सीजन पर रखा गया, जिसमें 20 लीटर ऑक्सीजन लगती थी। 10-12 दिन के बाद उन्हें नॉर्मल ऑक्सीजन पर आठ से 10 लीटर पर ले आए। मरीज के स्वास्थ्य में लगातार सुधार होने के बाद अंत में ऑक्सजीन की जरूरत प्रतिदिन दो लीटर पर चली आयी। स्वास्थ्य में सुधार होने के बाद शनिवार को मरीज को घर जाने की अनुमति दी गयी साथ ही यह सलाह भी दिया गया कि वह लगातार ऑक्सीजन मॉनिटर करते रहेंगे और बताए गए सावधानी और निगरानी बरतेंगे। डॉक्टरों ने मरीज को जरूरत पड़ने पर दूरभाष पर भी संपर्क करने की सलाह दी। जानकारी के अनुसार पुरुषोत्तम इतने लंबे समय तक भर्ती रहने वाले और ठीक होकर जाने वाले पहले मरीज हैं। इधर मरीज ने अपने इलाज के लिए डॉ अजीत तथा ICU की पूरी टीम में शामिल डॉ पंकज, डॉ अंशुमन, डॉ नीरज, डॉ राजकुमार, डॉ पवन, डॉ अभिनव के अलावा ICU के वेंटिलेटर टेक्नीशियन, नर्सेज, सफाई कर्मचारी और पूरे सदर अस्पताल के मैनेजमेंट को धन्यवाद दिया।


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