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जीतन राम मांझी मान-मनौव्वल के लिए तारीख पर तारीख बढ़ाए जा रहे, फिर भी तेजस्वी यादव का नहीं पसीज रहा दिल.....

जीतन राम मांझी मान-मनौव्वल के लिए तारीख पर तारीख बढ़ाए जा रहे, फिर भी तेजस्वी यादव का नहीं पसीज रहा दिल.....

PATNA: जीतन राम मांझी अब आगे क्या करेंगे? क्या वे महागठबंधन छोड़ेंगे और जेडीयू का दामन थामेंगे ?यह सवाल आज हर किसी के जेहन में है।जीतन राम मांझी ने 25 जून तक महागठबंधन के भीतर सहमति नहीं बनने पर अलग रास्ता अख्तियार करने का ऐलान किया था।मांझी के अल्टीमेटम का तेजस्वी यादव ने नोटिस नहीं लिया। थक हारकर जीतन राम मांझी ने कांग्रेस का बहाना बना अल्टीमेटम की तारीख बढ़ा दी।तब कहा गया कि एक सप्ताह तक और प्रतीक्षा की जाएगी।अगर 2 जुलाई के बाद महागठबंध के भीतर को-ऑडिनेशन कमिटी नहीं बनी तो पार्टी अपना अलग रास्ता देखेगी।मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने बजाप्ता बैठक कर आगे का निर्णय लेने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी को अधिकृत कर दिया था। अब एक बार फिर से मांझी ने 10 जुलाई तक का अल्टीमेटम दिया है।मांझी मान मनौव्वल के लिए तारीख पर तारीख दिए जा रहे फिर भी तेजस्वी का दिल नहीं पसीज रहा है।

अब 10 जुलाई तक का अल्टीमेटम

हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने 10 जुलाई को महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। मांझी उस दिन कोर टीम के साथ मीटिंग करेंगे और आगे का निर्णय लेंगे।निर्णय की जानकारी अगले दिन सार्वजनिक की जाएगी।

मांझी का महागठबंधन में कोई मोल नहीं

जीतन राम मांझी का दूसरा डेडलाइन के खत्म हुए भी 4 दिन बीत गए लेकिन मांझी के अल्टीमेटम का राजद ने कोई नोटिस नहीं लिया. तेजस्वी यादव तो को-ऑडिनेशन कमेटी की बात छोड़िए मांझी का नाम सुनना भी पसंद नहीं कर रहे।आखिरी तारीख समाप्त हुए भी 4 दिन बीत गए लेकिन जीतन राम मांझी अगल कदम उठाने की स्थिति में नहीं दिख रहे।लिहाजा एक बार फिर से गठबंधन छोड़ने की अगली तारीख निर्धारित कर दी। उन्होंने महागठबंधन छोड़ने का अल्टीमेटम तो दे दिया,मकसद था महागठबंधन के भीतर अपनी मांग मनवाने के लिए प्रेशर बनवाना।लेकिन उनके लिए तो माया मिली न राम वाली स्थिति हो गई है।अब वे अपना कदम आगे बढ़ायें या पीछे समझ नहीं पा रहे।तभी तो लगातार दो डेडलाईन खत्म हो गया लेकिन वे अपनी चुप्पी नहीं तोड़ रहे।

कांग्रेस भी मांझी की नहीं कर सकी मदद

दरअसल  लालू प्रसाद की पार्टी राजद मांझी की राजनीतिक चाल को काफी पहले भी भांप चुकी थी।लिहाजा मांझी के अल्टीमेटम का कोई नोटिस नहीं लिया।मांझी ने कांग्रेस से भी गुहार लगाई ।कांग्रेस के आश्वासन पर मांझी नोटिस की अवधि बढ़ाते रहे कि कहीं कुछ पॉजिटिव हो जाए, लेकिन कांग्रेस की तरफ से दिये गए आश्वासन का भी कोई नतीजा नहीं निकला।लिहाजा पूर्व सीएम जीतन राम मांझी चुप हो गए हैं।पार्टी की तरफ से कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी आगे का निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं।ऐसा लग रहा कि मांझी का महागठबंधन में कोई मोल नहीं रहा।

बीजेपी ने मांझी-तेजस्वी पर किया हमला

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी द्वारा घोषित 10 जुलाई के नए अल्टीमेटम पर बिहार भाजपा प्रवक्ता डॉo निखिल आनंद ने दोनों नेताओं पर तंज कसा है।उन्होंने कहा कि महागठबंधन में जीतन राम मांझी से ज्यादा बेईज्जती किसी पार्टी के नेता की नहीं हुई होगी। यह सुनकर बहुत दुख होता है कि तेजस्वी यादव एक युवा है और एक बुजुर्ग, सम्मानित, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का कभी फोन तक नहीं उठाते हैं। अब मांझी जी बेचारे समाधान के फेर में तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख दिए जा रहे हैं। उम्मीद करता हूँ कि 10 जुलाई की नई तारीख मांझी जी के अल्टीमेटम की आखिरी तारीख होगी। 

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