PATNA: बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी फिरकी ले रहे हैं.सीएम नीतीश के कमजोर होने के साथ ही मांझी ने फिरकी लेना शुरू कर दिया है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने सीएम नीतीश कुमार की नीतियों पर अपरोक्ष रूप से सवाल खड़े कर दिये हैं. एनडीए की सहयोगी होने के बाद भी मांझी ने यह कहकर सनसनी फैला दी है कि अगर वे कुछ दिन और मुख्यमंत्री होते तो जिन्हें नौकरी नहीं मिली उन्हें ठेकेदारी में 75 लाख तक का आरक्षण जरूर दे देते। जीतनराम मांझी ने नीतीश सरकार का नाम लिये बिना यह कहा कि अफसोस कि आज वह प्रस्ताव संचिका में ही कैद है।
फिरकी ले रहे मांझी
बता दें, जीतन राम मांझी ने इस बार जेडीयू के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा। नीतीश कुमार ने जीतन मांझी को अपने खाते से 7 सीटें दी। इस बार के चुनाव में मांझी की पार्टी ने चार सीटों पर जीत दर्ज की। इतना ही नहीं मांझी ने अपने बेटे को नीतीश कैबिनेट में शामिल भी करा लिया. इसके बाद अब फिरकी लेते हुए पूर्व सीएम ने यह कह कर सबको चौंका दिया है कि हमारी सरकार ने जो निर्णय लिये थे उसे लटका कर रखा गया। मांझी इतने भर से ही नहीं चुके उन्होंने कहा कि बेरोजगारों के लिए सड़क पर भी उतरना पड़ेगा तो उतरेंगे। मतलब साफ है, जीतनराम मांझी सीएम नीतीश की नीतियों से खुश नहीं है। वे यह मान कर चल रहे कि इन 15 सालों में बेरोजगारों के लिए जो काम होने चाहिए थे वो नहीं हुए,लिहाजा बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिल रहा।
पहले नीतीश से पिंगे बढ़ाई,अब सड़क पर उतरने की कर रहे बात
रविवार को HAM राष्ट्रीय परिषद की बैठक में मांझी खूब बोले।जेडीयू द्वारा उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाये जाने का दर्द भी बार-बार झलक जा रहा था। वे बार-बार कह रहे थे कि वे कुछ दिन और कुर्सी पर होते तो आज स्थिति कुछ और होती।जानकार बताते हैं कि कि एनडीए की सहयोगी मांझी शांत नहीं बैठने वाले। तेजस्वी यादव की तरफ से भाव नहीं मिला तो सबसे पहले सीएम नीतीश से नजदीकी बढ़ाई,फिर जेडीयू से गठबंधन कर सात सीटें ले ली। चुनाव में 4 सीटों पर जीत दर्ज हुई इसके बाद अपने बेटे को मंत्री बनवा दिया। बेटे को मंत्री बनाये जाने के बाद जीतनराम मांझी अब जेडीयू पर एक बार फिर से दबाव बनाने में लग गए हैं.यही वजह है कि पार्टी की बैठक में रोजगार और महिला सशक्तीकरण के मुद्दे पर सड़क पर उतरने की बात कर रहे।
फिरकी के पीछे का मिशन
जानकार बताते हैं कि पूर्व सीएम मांझी के फिरकी लेने के पीछे कहीं न कहीं कुछ बात है। अब जबकि मांझी ने अपने बेटे को सेट कर दिया इसके बाद उनका अगला मिशन शुरू हो गया है। हालांकि उनका अगला लक्ष्य क्या है यह तो स्पष्ट तौर पर पता नहीं चल सका है लेकिन खबर है कि वे राज्यपाल कोटे से खाली 12 सीटों में एक सीट अपने खास के लिए चाह रहे हैं। इसी वजह से अब वे सड़क पर उतरने की बात कर रहे।