DESK: कोरोना काल में अगर किसी क्षेत्र में सबसे ज्यादा विस्तार हुआ है और किसी क्षेत्र में सबसे ज्यादा काम हुआ है, तो वह है मेडिकल क्षेत्र. डॉक्टर नर्स और सभी पारामेडिकल स्टाफ 24 घंटे लगातार अपनी सेवाएं दे रहे हैं, ताकि वह मरीजों को बचा सकें और कोरोना का प्रकोप कुछ हद तक कम कर सकें. मगर डॉक्टरों की कमी से इस पर खासा असर पड़ रहा है. बिहार में कोरोना महामारी के कारण बने हालातों के मद्देनजर बिहार सरकार डॉक्टरों की बहाली करने जा रही है.
बिहार सरकार मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए खुशखबरी लेकर आई है. राज्य में एक साथ एक हजार डॉक्टरों की बहाली होने वाली है. यह बहाली केवल इंटरव्यू यानी साक्षात्कार के आधार पर होगी, जिसके लिए सरकार ने 10 मई की तिथि घोषित कर दी है. इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि सभी जिलों के सिविल सर्जन को संविदा पर डॉक्टर बहाल करने के अधिकार दिए गए है. 10 मई को वॉक इन इंटरव्यू होगा और डॉक्टर बहाल कर लिए जाएंगे.
इसके अलावा अस्पतालों में पारा मेडिक्स व लैब टेक्नीशियन, चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की अस्थाई नियुक्ति का अधिकार सिविल सर्जन को दिया गया है. यह नियुक्ति तीन महीने के लिए होगी. इसके अलावा सामान्य डॉक्टर के रिक्त 2362 और विशेषज्ञ डॉक्टर के 3706 पद पर नियक्ति के लिए तकनीकी सेवा आयोग ने विज्ञापन निकाला है. यह नियुक्ति भी जल्द से जल्द करने का आग्रह किया गया है.