NALANDA : जिले के किशोर न्याय परिषद ने एक बार फिर से अपने तरह का एक अहम फैसला दिया है. मामले की सुनवाई के दौरान एक किशोर ने कहा कि सर आज मेरा जन्मदिन है. मैं 18 वर्ष की उम्र पूरी कर चूका हूँ. मेरे खिलाफ किसी थाने या कोर्ट में और कोई दूसरा मुकदमा लंबित नहीं है. मैं एक दवा दुकान में नौकरी करता हूं. कोर्ट में आने के बाद मेरा उस दिन का वेतन काट लिया जाता है. जिससे परिवार चलाने में मुझे काफी परेशानी होती है. मुझे माफ कर दिया जाए.
कोर्ट ने जब इतना सुना तो उसके बाद उसकी मां से पूछताछ की. जहां मां ने भी बताया कि पड़ोस के किसी व्यक्ति के साथ कहासुनी हो हुई थी. जिसको लेकर उनके द्वारा मुकदमा किया गया था. किशोर अब ठीक-ठाक से रहता है. जज ने इतना सुनते ही अभिलेख का अवलोकन किया और उसके बाद उसे रिहा करने का आदेश सुनाया. साथ ही उन्होंने हिदायत भी दी कि भविष्य में किसी भी तरह का अपराधिक गतिविधियों में शामिल नहीं रहना. तुम वयस्क हो चुके हो. इस फैसले पर जेजे बोर्ड के सदस्य धर्मेंद्र कुमार व उषा कुमारी ने भी सहमति दी.
आरोपित किशोर बिहार थाना क्षेत्र के एक मोहल्ले का निवासी है. जहां पड़ोस के एक व्यक्ति से उसकी कहासुनी व गाली-गलौज हुई. इसमें आरोपित किशोर अपनी मां के साथ हो रहे मारपीट को देखकर बचाव में आ गया था. जेजे बोर्ड ने पाया कि मामला किशोर न्याय परिषद में 7 महीनों से लंबित हैऔर इस दौरान पुलिस ने मामले में आरोप पत्र समर्पित नहीं किया है. अपराध साधारण प्रकृति का है. इसके बाद उन्होंने उच्चतम न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए आरोपित किशोर को आरोप मुक्त कर दिया.
नालंदा से राज की रिपोर्ट