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न्यायमूर्ति धनंजय वाई. चंद्रचूड़ बने देश के 50वें मुख्य न्यायाधीश, पहली बार पिता के बाद पुत्र ने संभाली CJI की कुर्सी

न्यायमूर्ति धनंजय वाई. चंद्रचूड़ बने देश के 50वें मुख्य न्यायाधीश, पहली बार पिता के बाद पुत्र ने संभाली CJI की कुर्सी

DESK. न्यायमूर्ति धनंजय वाई. चंद्रचूड़ ने भारत के 50वें प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप से बुधवार को पद की शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में उन्हें पद की शपथ दिलाई। उन्होंने न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की जगह ली है, जिनका कार्यकाल आठ नवंबर को पूरा हुआ। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 तक दो साल के लिए इस पद पर रहेंगे।

यह पहला मौका है कि जब पिता के बाद पुत्र ने भी सीजेआई का पद संभाला है। उनसे पहले उनके पिता वाईवी चंद्रचूड़ भी सीजेआई रह चुके है। पूर्व सीजेआई वाईवी चंद्रचूड़ के बेटे के रूप में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के पद तक पहुंचने वाले पिता-पुत्र की एकमात्र जोड़ी है।उनके पिता का सुप्रीम कोर्ट में कार्यकाल सात साल चार महीने का रहा है। ये सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में किसी प्रधान न्यायाधीश का सबसे लंबा कार्यकाल रहा है। बता दें कि वो अपने पद पर 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक रहे थे।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ जून 1998 में बॉम्बे हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता बने थे। इसके बाद वो अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल बनाए गए। 29 मार्च 2000 से 31 अक्तूबर 2013 तक वो बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश रहे थे। डीवाई चंद्रचूड़ के पास कानून का लम्बा अनुभव है। साथ ही वे एक ऐसे परिवार से हैं जहाँ उनके पिता पहले ही देश के इस सर्वोच्च पद पर रह चुके हैं। अब उन्हीं के अनुरूप डीवाई चंद्रचुड भी दो साल तक सीजेआई का पद संभालेंगे. 


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