खगड़िया। जिले के अलौली प्रखंड क्षेत्र में जहां बंध्याकरण करने के बाद महिलाओं को फर्श पर ही सुला दिया गया, सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं लेकिन जमीन हकीकत कुछ और ही बयां करती है। स्वास्थ्य विभाग के कुछ लापरवाह डॉक्टरों और कर्मचारियों की वजह से पूरे स्वास्थ्य विभाग पर ही सवालिया निशान लग जाता है
मामला खगरिया जिले के अलौली स्वास्थ्य केंद्र का है जहां परिवार नियोजन के तहत 28 महिलाओं का बंध्याकरण किया गया बंध्याकरण ऑपरेशन के बाद महिलाओं को बेड तक नसीब नहीं हुई, किसी को स्टोर के दरवाजे पर , किसी को हॉल में सुला दिया गया, इतना ही नहीं किसी डॉक्टर ने किसी मरीजों से तबीयत तक जानने की जहमत तक नहीं उठाई, इस कड़ाके की ठंड में जमीन पर सोना, वह भी एक बंध्याकरण महिला को वह भी बिना बिछावन का यह तो मानवता से को शर्मसार कर देने वाली घटना है। ऐसे लापरवाह डॉक्टर व कर्मचारी पर राज्य सरकार व जिला प्रशासन अंकुश लगा पाती है या नहीं यह तो देखने वाली बात ही होगा।
मामले में मरीज के परीजनो का कहना है कि वार्ड में बेड है,लेकिन उस पर बिस्तर नहीं है, ऐसे में उसका प्रयोग नहीं किया जा सकता है। वहीं ठंड में मरीज के साथ आनेवाले लोगों के लिए अस्पताल की तरफ से कोई इंतजाम नहीं किया गया है। ऐसे में मरीज और उनके परिजन जमीन पर सोने को मजबूर हैं।