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कागजी आंकड़ो में स्वच्छता का अलख जगा रहा है जीविका

कागजी आंकड़ो में स्वच्छता का अलख जगा रहा है जीविका

KAIMUR: कैमूर जिले को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए कैमूर जिला अधिकारी दिन रात एक कर ग्रामीणों को जागरुक करने का कार्य कर रहे हैं. लेकिन जीविका कागजी आंकड़ों में ही स्वच्छता का अलख जगा कर पीठ थपथपाने में जुटा हुआ है. कुदरा प्रखंड के जीविका के कर्मचारी ओडीएफ अभियान में लगे नोडल पदाधिकारियों को गुमराह करने में लगे हुए हैं.


दरअसल सारा मामला कैमूर जिले के कुदरा प्रखंड के जहानाबाद पंचायत का है. जहां नोडल प्रभारी अजय कुमार सुबह और शाम मॉर्निंग फॉलोअप करने जहानाबाद गांवों की गलियों में निकल पड़ते हैं. वहीँ जिला मुख्यालय से जीविका का एक कागज आता है. जिसमें जीविका द्वारा 59 शौचालय दो गड्ढे के मानक के अनुसार बनाए जाने और कुछ सेप्टिक टैंक के आगे सोखता बनाए जाने का शपथ पत्र हफ्ते दिन का अंदर बन जाने का मिलता है. समय अवधि पूरा होने के बाद नोडल पदाधिकारी अजय कुमार जब जीविका द्वारा दिए गए फॉर्म की जांच करने डोर टू डोर जाते हैं तो जीविका द्वारा प्राप्त हुए 59 फॉर्म में से एक भी फॉर्म मानक के अनुरूप नहीं मिलता है.

जहानाबाद पंचायत के नोडल पदाधिकारी अजय कुमार ने बताया कि हम लोगों को जीविका के द्वारा 59 फॉर्म जिला मुख्यालय से मिला था कि इन 59 लोगों ने मानक के अनुरूप दो गड्ढे का सोखता शौचालय का निर्माण करा लिया है, और कुछ वैसे लोगों का शौचालय है जिन्होंने सेप्टिक टैंक बनाया है लेकिन हफ्ते दिन के अंदर सोखता, सेप्टिक टैंक के आगे बनाने का घोषणा पत्र दिया है. घोषणा पत्र की समय अवधि पूरा होने के बाद जब हम लोग डोर-टू-डोर 59 फॉर्म का सत्यापन करने के लिए घर पहुंचे तो वहां पर 59 में से एक भी घरों में दो गढ़े वाला सोख्ता शौचालय मानक के अनुरूप नहीं मिला। जीविका के कुदरा के पदाधिकारियों द्वारा पूरी तरह से हम लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया गया है. जहानाबाद पंचायत के अलावा कुदरा प्रखंड के कई पंचायतों से ऐसी ही शिकायत मिल रही है. जीविका के द्वारा दिए गए फॉर्म प्रखंड के कई पंचायत में भी फर्जी साबित हो रहे हैं. कई जगह 80 प्रतिशतक फॉर्म भर कर गलत रिपोर्टिंग कर दिया गया है. जैसे कागजों में ही जीविका ने शौचालय में अपना अभियान पूर्ण करा दिया है. लेकिन धरातल पर ऐसा कहीं कुछ नहीं है.

वही कुदरा प्रखंड कार्यालय के जीविका के BPM ने बताया की ग्रामीणों को शौचालय बनवाने के प्रति जीविका का कोई रोल नहीं है. बस जीविका अपने यहां कार्य कर रहे जीविका दीदियों के यहां ही शौचालय बनवाने का काम करेगी, और रही बात जहानाबाद पंचायत में सभी 59 फॉर्म मानक के अनुरूप नहीं मिलने का तो नोडल पदाधिकारी ने सही तरीके से जांच एक एक घरों का नहीं किया होगा। चार-पांच घरों का जांच कर सभी फॉर्म को गलत ठहरा दिया है. सबसे बड़ी बात जहां जीविका पूरे प्रदेश में स्वच्छता मिशन के साथ कदम से कदम मिलाकर स्वच्छ और सुंदर गांव बनाने में मदद कर रहा है. वहीँ कुदरा प्रखंड मुख्यालय का जीविका के कर्मी अपने आप को इस अभियान से अलग रखे हुए हैं. उनके अनुसार ग्रामीणों के प्रति स्वच्छता अभियान को लेकर जीविका का कोई रोल ही नहीं है, और यह रोल सिर्फ जीविका के दीदियों के घरों में शौचालय बन जाए बस उसी से मतलब है. जहां जीविका के दम पर गांव से लेकर जिले तक स्वच्छता के अभियान में जीविका के लोग जान डाल देते हैं. वही कुदरा के जीविका कर्मी इतने बड़े प्रधानमंत्री के सपने के अनुरूप भी कुछ करने को तैयार नहीं होते, और अपना पल्ला छुड़ाना चाहते हैं। तभी तो इतने बड़े तौर पर सिर्फ फार्म भरवा कर जैसे तैसे खानापूर्ति कर अधिकारियों के नजर में धूल झोंकने की कोशिश की गई ।


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