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कहानी बिहार के उस बिजनसमैन की जिसे ग्राहकों ने कह दिया, आई डोंट लव यू

कहानी बिहार के उस बिजनसमैन की जिसे ग्राहकों ने कह दिया, आई डोंट लव यू

N4N DESK: पटना से 50 किमी दूर गंगा किनारे एक गांव है पंडारक. गरीब से किसान परिवार में पैदा हुए उस शख्स की कहानी बेहद दिलचस्प है. ये कहानी उस अनिल शर्मा की है जिस पर हजारों ग्राहकों के साथ धोखेबाजी करने का आरोप है. हत्या का भी आरोप हैं.

पिता चाहते थे बेटा बने इंजीनियर

अनिल शर्मा के पिता मदन मोहन शर्मा चाहते थे कि उनका बेटा सिविल इंजिनियर बने और अनिल ने उनके सपनों को पूरा किया. गांव के सरकारी स्कूल में ही उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई हुई. आगे की पढ़ाई उन्होंने पटना के साइंस कॉलेज से की. बीटेक की पढ़ाई के लिए अनिल को उड़ीसा के कालीकट के एनआईटी भेज दिया गया. वहां से बीटेक करने के बाद आईआईटी से एमटेक और फिर एलएलबी और एमबीए की. इसके बाद अनिल शर्मा ने पहले बिहार सरकार के नगर विकास और आवास विभाग में सहायक इंजीनियर और फिर NTPC में नौकरी की लेकिन अनिल के ख्वाब बड़े थे और सरकारी नौकरी को अलविदा कह कर अनिल शर्मा ने दिल्ली में किस्मत आजमाने का फैसला किया.

आम्रपाली जैसे ऐतिहासिक कैरेक्टर को अनिल ने चुना

2002 में अनिल शर्मा दिल्ली आ गए फिर यही से उन्होंने रियल स्टेट कंपनी आम्रपाली की नींव रखी. अनिल शर्मा ने 2 साल में 100 से उपर फ्लैट बनाकर बेटे. लोगों का अपार प्यार भी आम्रपाली को मिला. उन्होंने देश भर के कई शहरों में मेगा प्रोजेक्ट शुरू किए. सस्ते से लेकर लग्जरी तक हर तरह के फ्लैट बेचे. अब ग्रुप इतना बड़ा हो गया कि कोई भी दूसरी कंपनी आम्रपाली में पैसा लगाने को तैयार हो जाती थी. इसी दौर में अनिल शर्मा ने क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी को अपना ब्रैंड अंबेसडर बनाया. इससे कंपनी पर लोगों का भरोसा और बढ़ने लगा. देखते-देखते आम्रपाली ग्रुप के प्रोजेक्ट दिल्ली-एनसीआर से बाहर बिहार, ओडिशा, एमपी, केरल, हरियाणा और महाराष्ट्र में भी दिखने लगे. इस दौरान अनिल शर्मा ने कई दूसरे प्रोजेक्ट एक्वायर भी किए.

गांधी टू हिटलर से आई डोंट लव यू तक की कहानी

अपने अच्छे दौर में अनिल शर्मा ने दूसरे बिजनेस में भी हाथ आजमाए. अनिल शर्मा ने आम्रपाली मीडिया विजन नाम से एक कंपनी बनाई. इस कंपनी ने दो फिल्में बनाईं. पहली फिल्म गांधी टू हिटलर और दूसरी आई डोंट लव यू नाम से बनाई. इस कंपनी की सीईओ अनिल शर्मा की पत्नी पल्लवी मिश्रा थीं. देखते-देखते कंपनी शिक्षा और होटल के कारोबार में भी आ गई. झारखंड के देवघर में और यूपी के बरेली में अनिल शर्मा ने 2 थ्री स्टार होटल खड़े कर दिए. अपने अच्छे दिनों के दौरान अनिल शर्मा ने बिहार के लखीसराय में आम्रपाली इंजीनियरिंग कॉलेज के नाम से एक कॉलेज खोला. ये कॉलेज बालिका विद्यापीठ के नाम से रजिस्टर्ड जमीन पर चलाया जा रहा था. तभी डील को लेकर बालिका विद्यापीठ के सचिव शरद चंद्र का अनिल शर्मा से विवाद हो गया. शरद चंद्र न्यायालय की शरण में गए थे. इसी दरम्यान उनकी हत्या कर दी गई. इसमें अनिल शर्मा समेत 7 लोग हत्या के आरोपी बनाए गए. अपनी विश्वसनीयता खो चुके अनिल शर्मा इसके बाद तेजी से विवादों में आ गए. हत्या में नामजद अभियुक्त हो गए. राजनीतिक महत्वाकांक्षा और लंबे समय तक रियल एस्टेट के धंधे से बाहर रहने के कारण उनके अधिकांश प्रोजेक्ट लेट हो गए. और स्थिति दिवालिया की हो गई. एक दिन अचानक खबर आई कि आम्रपाली के कई करोड़ के चेक बाउंस हो चुके हैं. 16 जनवरी, 2018 को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए. सुप्रीम कोर्ट में अदालत की तरफ से नियुक्त किए गए ऑडीटर्स ने बताया कि आम्रपाली ग्रुप ने करीब 550 लग्जरी फ्लैट 1 रुपए, 5 रुपए और 11 रुपए प्रति स्क्वायर फीट की दर से बेचे हैं. ग्रुप के चेयरमैन अनिल शर्मा ने 23 फर्जी कंपनियां बना रखी हैं. इन कंपनियों में ड्राइवर, चपरासी और आफिस के प्यून तक डायरेक्टर हैं.

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