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कैमूर के इस गाँव में एक महीने में हुई एक दर्जन लोगों की मौत, प्रशासनिक महकमे में मचा हड़कंप

कैमूर के इस गाँव में एक महीने में हुई एक दर्जन लोगों की मौत, प्रशासनिक महकमे में मचा हड़कंप

KAIMUR : वैश्विक महामारी कोरोना के कारण प्रतिदिन देश में मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। इसी बीच कैमूर जिले के मोहनिया प्रखंड के बम्हौर खास गांव में एक महीने में एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जिससे ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है। हालाँकि मौत कोरोना के कारण हुई है या नहीं यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। प्रशासन इसे स्वाभाविक मौत बता रहा है, लेकिन ग्रामीणों की मानें तो मरने वालों में कुछ के पास सर्दी खासी बुखार से संबंधित लक्षण थे। जैसे ही यह सूचना अधिकारियों के बीच पहुंचा। अधिकारियों का दल SDM, डीएसपी, अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक, एंबुलेंस के साथ बम्हौर खास पहुंचे। जहां मुखिया और ग्रामीणों से गांव के हालात के बारे में जानकारियां ली। अधिकारियों से भी ग्रामीणों ने पिछले एक महीने में एक दर्जन लोगों की मौत होने की बातें बताई। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीयों ने कहा की बम्हौर खास में ग्रामीणों द्वारा मौत होने की बात बताई जा रही है। लेकिन कोरोना से सभी मौत हुई है। इसका प्रमाण नहीं मिला है। वहीं प्रशासन द्वारा बताया गया कि ग्रामीणों के अनुसार स्वभाविक मौत है, जो उम्रदराज लोगों की हुई है। फिर भी गांव में सभी का कोविड-19 का जांच कराया जा रहा है और कैंप लगाकर टीकाकरण कराया जा रहा है। जिला प्रशासन लगातार लोगों से माइकिंग करा कर अपील भी कर रहा है कि जिनको भी कोविड-19 से संबंधित किसी प्रकार का लक्षण दिखाई दे या महसूस हो। तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाएं और नि:शुल्क जांच कराएं । तभी इसके संक्रमण को रोका जा सकता है। वैसे कैमूर जिले में कोविड के पॉजिटिव प्रतिशत के अपेक्षा कोविड-19 मरीजों का रिकवरी दर 91.6 प्रतिशत से ऊपर पहुंच चुका है। जो कैमूर वासियों के लिए राहत भरी खबर है। जिला प्रशासन लगातार कोविड-19 मरीजों को सुविधा मुहैया कराने के लिए तत्पर है।

बम्हौर खास के मुखिया बताते हैं मेरी जानकारी में एक महीने में 13 लोगों की मौत हुई है। लेकिन जानकारी में यह नहीं है कि सभी लोग कोरोना संक्रमित ही थे। इस गांव में 21000 की आबादी है। अभी SDM, डीएसपी, थाना और चिकित्सक गांव में जांच के लिए आए हुए थे । वहीँ ग्रामीण अजय सिंह बताते हैं मैंने ग्रामीणों से लिखित तो नहीं लिया है लेकिन मेरी जानकारी में 20 से अधिक लोगों की मौत हुई है। प्रशासन की भूमिका यहां नगण्य है। यहां पर सभी लोग कोरोना से मरे हैं कहा नहीं जा सकता । लेकिन कुछ लोगों में लक्षण वैसे थे। अभी भी गांव के कई लोगों में कोविड-19 के लक्षण पाए जा रहे हैं। एक व्यक्ति बाहर से आया था। उसका रिपोर्ट पॉजिटिव आया। लेकिन बाहर घंटे के बाद ही उसका रिपोर्ट नेगेटिव आ गया। कुछ दिन पहले चिकित्सक लोग आए थे। गांव में कुछ लोगों को टीका पड़ा है। पिछले दो-तीन दिन से किसी मौत का सूचना गांव में अभी नहीं है ।

छात्र कमलेश यादव बताते हैं की विमल केशरी नामक चिकित्सक अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर आते थे। उनके जाने के बाद पिछले 5 सालों से यहां कोई नहीं आता है। जेनरल दवा बुखार, सर्दी और खांसी की भी नहीं है। कोरोना से मौत इस गांव में ज्यादा हुई है, लगभग 15 से 20 के करीब। कई ग्रामीणो में आज भी कोरोना का लक्षण पाया जा रहा है। इस गांव में हर दूसरे तीसरे व्यक्ति को सर्दी खासी बुखार का लक्षण है। गनीमत यही है कि यहां जो बगल में लोकल डॉक्टर हैं उनके बदौलत इलाज हो रहा है और मरीज रिकवर हो जा रहे हैं। सरकार के द्वारा कोई भी स्वास्थ्य व्यवस्था की सुविधा मुहैया नहीं कराया जा रहा है। 

जबकि चिकित्सक डॉ एके दास बताते हैं की गांव के आबादी बहुत बड़ी है । गांव में नॉर्मल जिनका एज ज्यादा हो गया है और डिजीज वाले लोग हैं । उनके मौतें होती रहती है। मेरी जानकारी में कोरोना से एक की मौत वाराणसी में हुआ था। जिसका क्रिया कर्म करने के लिए लोग गांव पर आए थे । वहां उनके परिवार वालों का टेस्ट हुआ था तो उनकी रिपोर्ट पाजिटिव पाई गई थी । एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत लोगों द्वारा बताया जा रहा है। गांव के सभी लोगों का जांच किया जाएगा और टीका भी लगाया जाएगा। कोरोना से मौत का पुष्टि नहीं हो रहा है। ग्रामीण बोल रहे हैं कि मरने वालों में कोरोना जैसे लक्षण थे । लेकिन इसकी पुष्टि लोगों के पास नहीं है।

कैमूर से देवब्रत की रिपोर्ट

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