PATNA: मोदी सरकार द्वारा लाए गए किसान विरोधी तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने, बिजली बिल 2020 वापस लेने, स्वामीनाथन आयोग की अनुशंसाओं को लागू करते हुए सभी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी करने और बिहार में 2006 में खत्म कर दिए गए मंडी व्यवस्था को फिर से चालू करने की मांग पर अखिल भारतीय किसान महासभा व भाकपा-माले के आह्वान पर आज बिहार के कई जिलों में अनिश्चितकालीन धरने की शुरूआत हो गई है.
पटना में धरनास्थल गर्दनीबाग में कल 6 जनवरी से लेकर 10 जनवरी तक किसानों का यह महाधरना आरंभ होगा. इस धरना में अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य सचिव रामाधार सिंह, तरारी से विधायक व किसान महासभा के राष्ट्रीय नेता सुदामा प्रसाद, राज्य सह सचिव उमेश सिंह, पटना जिला के सचिव कृपानारायण सिंह सहित वरिष्ठ नेतागण भाग लेंगे. किसानों के इस धरने में सैंकड़ों किसानों की भागीदारी हुई.
आज के कार्यक्रम के तहत भोजपुर के सहार, तरारी, पीरो, चरपोखरी, अगिआंव, जगदीशपुर और संदेश प्रखंड पर किसान धरना आज से आरंभ हो गया है. इन धरनों में माले के विधायक व किसान सभा के नेता सुदामा प्रसाद ने भाग लिया. अरवल में आरंभ धरने में अरवल विधायक महानंद सिंह ने भी अपनी भागीदारी निभाई. वहीं, नरकटियागंज में आज किसानों की पंचायत का आयोजन किया गया. जिसमें सिकटा विधायक वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता और अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य अध्यक्ष विशेश्वर प्रसाद यादव ने भागीदारी निभाई. इस पंचायत से गन्ना का मूल्य निर्धारण और बकाये राशि का अविलंब भुगतान करने की मांग उठाई गई.
वहीँ नालंदा में भी किसानों का यह धरना आरंभ हो गया है. जिसमें किसान महासभा के राष्ट्रीय कार्यालय सचिव राजेन्द्र पटेल शामिल हुए. सिवान में किसान महासभा से जुड़े सैंकड़ों किसानों ने मार्च किया और अपनी मांगों को पूरा करने की आवाज उठाई.
पटना से कुमार गौतम की रिपोर्ट